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डीएसपी को हाई कोर्ट में मिला न्याय, वेतन में हो रही थी वसूली, पढ़ें पूरा मामला

 




सकरी रोड, बिलासपुर निवासी सुशीला टेकाम पुलिस महानिरीक्षक ऑफिस में उपपुलिस अधीक्षक (डीएसपी) के पद पर पदस्थ हैं। सेवाकाल के दौरान एसपी बिलासपुर द्वारा उनके वेतन से वसूली का आदेश इस आधार पर जारी किया गया कि पूर्व के वर्षों में उन्हें गलत तरीके से अधिक वेतन भुगतान कर दिया गया है। उक्त वसूली आदेश को डीएसपी सुशीला टेकाम ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं गीता देबनाथ के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी।

 हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2015 में स्टेट ऑफ पंजाब विरुद्ध रफीक मसीह एवं अन्य एवं वर्ष 2022 में थॉमस डेनियल विरुद्ध स्टेट ऑफ केरला एवं अन्य के वाद में यह महत्वपूर्ण निर्णय दिया गया है कि किसी भी शासकीय कर्मचारी जिसकी सेवानिवृत्ति को एक वर्ष शेष है उन्हें अधिक वेतन भुगतान का हवाला देकर उनके वेतन से किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की जा सकती। चूंकि याचिकाकर्ता 31 मार्च 2024 को सेवानिवृत्त होने वाली हैं। अतः याचिकाकर्ता के विरुद्ध जारी वसूली आदेश नियम विरुद्ध है। 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा उक्त न्याय दृष्टांत में यह भी कहा गया है कि यदि किसी शासकीय कर्मचारी को संबंधित विभाग द्वारा पांच वर्ष पूर्व अधिक वेतन भुगतान किया गया है तो उस स्थिति में भी उनसे किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की जा सकती। चूंकि याचिकाकर्ता को 1.जुलाई 2009 से अधिक वेतन भुगतान किया गया है अतः उक्त वेतन भुगतान की वसूली आज दिनांक को नहीं की जा सकती। याचिका पर सुनवाई के पश्चात् कोर्ट ने डीएसपी सुशीला टेकाम के विरुद्ध जारी वसूली आदेश को नियम विरुद्ध पाया। इस आधार पर वसूली आदेश पर स्थगन (स्टे) करते हुए किसी भी प्रकार की वसूली ना किए जाने का निर्देश कोर्ट ने दिया।

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