बिलासपुर। हाईकोर्ट द्वारा एक रिट पिटीशन एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली द्वारा निर्देश के परिपालन में जेलों से बंदियों को रिहा किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी के मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देश में यह कार्रवाई हुई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों में गठित अण्डर ट्रायल रिव्यू कमेटी के द्वारा बैठक कर स्पेशल ड्राइव अभियान के तहत प्रदेश की विभिन्न जेलों में बन्द पात्र अभिरक्षाधीन बंदियों को जमानत का लाभ देते हुए रिहा किया गया है।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर नालसा द्वारा जेलों में बंदियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए 18 सितम्बर से 20 नवम्बर 2023 तक एक विशेष अभियान चलाकर अण्डर ट्रायल रिव्यू कमेटी की सतत बैठक कर बंदियों को रिहा करने निर्देशित किया गया। उक्त कमेटी में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष एवं संबंधित जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जेलर और सचिव सदस्य हैं। उनके द्वारा बैठक कर बंदियों को जमानत पर रिहा करने की अनुशंसा की जाती है। उपरोक्त दो माह की अवधि में समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा कुल 114 बैठकें आयोजित की गई और पात्र अभिरक्षाधीन बंदियों को जमानत पर रिहा किये जाने हेतु अनुशंसित किया गया। उक्त कमेटी के द्वारा कुुल 1389 बंदियों को चिन्हांकित कर 1222 बंदियों को जमानत के लाभ हेतु अनुशंसा किया गया। संबंधित न्यायालय के द्वारा 1086 बंदियों को जमानत का लाभ प्रदान करते हुए उन्हें रिहा किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी दिए हैं निर्देश
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने भी जेलों में बढ़ती भीड़ पर गंभीर चिन्ता व्यक्त करते हुए बंदियों को जमानत का लाभ एवं ऐसे बंदी जिनकी जमानत हो गई है, उन्हें रिहा करने निर्देश जारी किए गए हैं। नालसा ने कमेटी को अधिक से अधिक पात्र बंदियों को जमानत का लाभ देने की अनुशंसा करते हुए उन्हें रिहा करने निर्देशित किया है।