Chhattisgarh High Court : बिलासपुर। स्थानीय रेलवे स्टेशन में फुट ओवर ब्रिज का निर्माण पूरा न होने से बच्चे जान जोखिम में डालकर पटरी क्रॉस कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने इसे संज्ञान में लेकर कहा है कि रेल अधिकारी क्या कर रहे हैं। मीडिया में प्रकाशित समाचार को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने रेलवे को 48 घंटे में जवाब देने कहा है।अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी।
खतरनाक तरीके से पटरी पार करते हुए बच्चों की फ़ोटो और न्यूज़ मंगलवार 21 नवंबर को मीडिया में आई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इसे देखकर स्वयं संज्ञान लिया और मामले को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर मंगलवार को ही कोर्ट में सुनवाई की। रेलवे की ओर से केंद्र सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा उपस्थित हुए। उनसे चीफ जस्टिस ने पूछा कि, रेलवे ऑफिसर्स क्या कर रहे हैं? उन्हें यह पता नहीं है कि, कौन सा काम अधिक जरूरी है। इस तरह से हजारों बच्चों की जिंदगियों को रेल पटरी के भरोसे पर छोड़ना बेहद शर्मनाक है। हाईकोर्ट ने केंद्र शासन और रेलवे से साफ़ कहा कि, आप इस एफओबी का क्या करेंगे और कैसे पूरा करेंगे, इस सबकी पूरी विस्तृत जानकारी 48 घंटे के भीतर कोर्ट में प्रस्तुत करें।
एफओबी चार साल में भी पूरा नहीं
बिलासपुर रेलवे स्टेशन के दूसरी ओर लगभग 3 लाख लोगों को स्टेशन के दोनों तरफ आने-जाने के लिए बनाया गया पुराना फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) सालों पहले टूट चुका है। नए एफओबी का काम 4 साल बाद भी अधूरा है। बच्चों को स्कूल जाने के लिए जान जोखिम में डालना पड़ रहा है। इस जगह पर मालगाड़ियां काफी देर खड़ी रहती है। उसके केबिन में चढ़कर भी पटरियों को पार करना बच्चों की मजबूरी है। इसके अलावा सैकड़ों अन्य लोग भी रोजाना पटरियों को पार करते हैं।