हिंदू धर्म मानने वालों के लिए एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है। इस दिन जगतपालक भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और समस्त पापों का नाश हो जाता है। लेकिन इनकी पूजा में एकादशी आरती गाना नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि आरती गायन के बाद ही पूजा सफल मानी जाती है.. आइये पढ़ते हैं सबसे प्रसिद्ध एकादशी आरती ..ॐ जय एकादशी माता।
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी,जय एकादशी माता।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर,शक्ति मुक्ति पाता॥
ॐ जय एकादशी...॥
तेरे नाम गिनाऊं देवी,भक्ति प्रदान करनी।
गण गौरव की देनी माता,शास्त्रों में वरनी॥
ॐ जय एकादशी...॥
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना,विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा,मुक्तिदाता बन आई॥
ॐ जय एकादशी...॥
पौष के कृष्णपक्ष की,सफला नामक है।
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा,आनन्द अधिक रहै॥
ॐ जय एकादशी...॥
नाम षटतिला माघ मास में,कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै,विजय सदा पावै॥
ॐ जय एकादशी...॥
विजया फागुन कृष्णपक्ष मेंशुक्ला आमलकी।
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में,चैत्र महाबलि की॥
ॐ जय एकादशी...॥
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा,धन देने वाली।
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में,वैसाख माह वाली॥
ॐ जय एकादशी...॥
शुक्ल पक्ष में होयमोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी।
नाम निर्जला सब सुख करनी,शुक्लपक्ष रखी॥
ॐ जय एकादशी...॥