बिलासपुर। उत्तर भारत में अगले 3 महीने पड़ने वाली कडा़के की ठंड और कोहरे की वजह से अप डाउन सारनाथ एक्सप्रेस को 29 फरवरी तक 77 दिन के लिए रद्द कर दिया गया है। इस ट्रेन से डेली बड़ी संख्या में यात्री प्रयागराज बनारस जाते हैं। पिछले साल भी इन दिनों रेलवे यही कारण बता कर सारनाथ को कैंसिल किया था। दुर्ग भिलाई रायपुर तिल्दा भाटापारा बिलासपुर से लेकर शहडोल तक रेलवे के इस फैसले के खिलाफ लोगों का गुस्सा सामने आने लगा है।
जागरूक नागरिकों ने रेलवे के इस फैसले को तुगलक की फरमान करार दिया है। रेलवे का या फैसला आते ही जागरूक लोगों ने सोशल मीडिया ट्विटर के माध्यम से जनता की समस्या को सीधे रेल मंत्री तक पहुंचाया है। संस्कार श्रीवास्तव उदय सिंह लोत संतोष पैठणकर उमाशंकर सोनी संजय राजपूत प्रतीक वर्मा ओमप्रकाश वर्मा ने इस संबंध में सीधे रेलमंत्री को इस फैसले को लेकर पुनर्विचार करने का निवेदन किया है।
नवंबर से फरवरी तक हर साल शीतकाल में कोहरा पड़ना प्राकृतिक व्यवस्था है। हर साल दो महीने के लिए कोहरा पड़ता है । तो क्या इतने ही दिनों के लिए ट्रेन को बंद कर देना समझदारी भरा निर्णय होगा। जबकि बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश से यात्री इस ट्रेन में दिल्ली तक की यात्रा करते हैं। सुविधाएं बढ़ाने की बजाए समाप्त की जा रही हैं। यह समस्या परे है।
आज के अत्याधुनिक तकनीक के जमाने में रेलवे इंजनों में एंटी फोग डिवाइस लगाने की बात हो रही है यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने की बजाय ट्रेन को कैंसिल कर देना यह कैसी रेल सेवा है। संस्कार श्रीवास्तव ने इस संबंध में रेलवे मंत्री सांसद को ट्वीट करते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सभी अधिकारियों से भी जनहित में यह फैसला निरस्त करने की मांग की है।