मुंबई. विदेशी निवेशकों की ओर से बिकवाली के कारण भारतीय शेयर बाजार में उठा-पटक का माहौल बनता दिख रहा है। बाजार के जानकार मान रहे हैं कि 5 राज्यों के चुनाव नतीजों पर भी बाजार की नजर बनी रहेगी। वहीं ग्लोबल सेंटीमेंट कमजोर होने का असर भी भारतीय शेयर बाजार पर दिख रहा है। इस सप्ताह विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियों, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम और अमरीकी डॉलर के मुकाबले रुपए की स्थिति भी घरेलू शेयर बाजारों की चाल तय करेगी। अगस्त से लगातार हो रही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) की बड़े पैमाने पर निकासी पर जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि 15 नवंबर तक एफपीआई ने कुल मिलाकर 83,422 करोड़ रुपए के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की है। जबकि इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने अच्छी खरीदारी कर एफपीआई की बिक्री को पूरी तरह से बेअसर कर दिया।
अमरीकी ट्रेजरी यील्ड में नरमी के असार
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, पिछले सप्ताह बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 890.05 अंक यानी 1.37 प्रतिशत उछल गया, जबकि निफ्टी में 306.45 अंक यानी 1.57 प्रतिशत की तेजी रही। बैंकिंग को छोड़कर सभी प्रमुख क्षेत्र इस तेजी में शामिल रहे और मजबूत लाभ दर्ज किया। मिडकैप सूचकांक ने भी दो महीने के बाद अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल कर ली। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी अनुसंधान) अजीत मिश्रा ने कहा, ‘वैश्विक संकेत काफी हद तक इस प्रवृत्ति को तय कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि यह प्रवृत्ति आने वाले सप्ताह में भी जारी रहेगी। साथ ही फेडरल रिजर्व की बैठक की जानकारी बुधवार को जारी होंगी और गुरुवार को घरेलू बाजारों पर इसका असर संभव है। वहीं कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि अगले सप्ताह कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में नरमी से तेजी रह सकती है