छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार वापसी की है. 54 सीट जीत कर भाजपा फिर से प्रदेश में सत्ता में काबिज हुई है. चुनावी विश्लेषक इस सफलता के पीछे कई कारण बता रहे हैं. कोई कह रहा है कि कांग्रेस ने एकजुट होकर चुनाव नहीं लड़ा तो कोई जीत का श्रेय मोदी की गारंटी को दे रहा है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी की जीत के पीछे एक बड़े कारण को पर कोई ध्यान नहीं दे रहा. आईए जानते हैं क्या है वह फैक्टर जिसने भारतीय जनता पार्टी की जीत में बड़ा रोल अदा किया.
10 सितंबर 2022 इस तारीख के पहले भारतीय जनता पार्टी की हालत प्रदेश में खराब थी. लेकिन इसके बाद छत्तीसगढ़ में एंट्री होती है ओम माथुर की. दिल्ली हाई कमान उन्हें छत्तीसगढ़ में प्रदेश प्रभारी बनाकर भेजता है. और उसके बाद चीजें अचानक से बदलने लगती है. इसके फल स्वरुप आज भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ में फिर से सत्ता पर काबिज हुई है. आईए जानते हैं कौन है ओम माथुर कैसा है उनका सियासी सफर.
ओम प्रकाश माथुर राजस्थान के रहने वाले हैं। वर्तमान में वे राजस्थान से ही राज्यसभा के सांसद है। इससे पहले वे राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रभारी बनाए जाने से पहले ओमप्रकाश माथुर उत्तर प्रदेश के प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इसके पहले वे गुजरात व महाराष्ट्र के प्रभारी रह चुके हैं।
ओम माथुर ने 2017 में भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई. जब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 327 सीटें जीती थी.उस समय उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी ओम माथुर ही थे. इसके बाद 2017 में ही गुजरात चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत में ओम माथुर का अहम योगदान था. 2017 में जब सबको लग रहा था कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी सत्ता खो देगी. उस चुनाव में ओम माथुर ने अपने कुशल बूथ मैनेजमेंट से मुश्किल चुनाव में बीजेपी को जीत दिला दी. ओम माथुर महाराष्ट्र के प्रभारी भी रह चुके हैं जिसके फल स्वरुप महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी काफी मजबूत हुई. छत्तीसगढ़ में भी ओम माथुर का जादू चला और भारतीय जनता पार्टी की सीटें
15 से बढ़कर 54 पहुंच गई और भारतीय जनता पार्टी फिर से प्रदेश की सत्ता में काबिज हो गई