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अपने जीवन को सुंदर बनना चाहेंगे या रेगिस्तान बनाना चाहते हैं, जानें कृष्णा कुमारी दीदी के अनमोल वचन

 






एक शाम दादा के नाम साधु वासवानी मिशन पुणे के प्रमुख दिदी कृष्णा कुमारी जी का बिलासपुर प्रवास के आखिरी दिन राम वेली में एक शाम दादा के नाम भक्ति मेंय सत्संग कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम गांधी उद्यान में किया गया रात्रि 7:00 बजे कार्यक्रम आरंभ हुआ 9:00 बजे समापन हुआ दीदी के आगमन पर सिंधी पंचायत रामा वैली साधु वासवानी मिशन सेंटर बिलासपुर के सदस्य महिला विंग के सदस्यों के द्वारा आतिशबाजी कर फुलो की वर्षा करके दीदी का भवय स्वागत किया गया कार्यक्रम की शुरुआत दादा साधु वासवानी दादा जेपी वासवानी जी के फोटो पर फूलों की माला पहनाकर दीप प्रजवलित करके की गई मुंबई के



 मशहूर सिंगर नील तरलेजा के द्वारा भक्ति मेंय संगीत  कार्यक्रम पेश किया अपनी सुरीली आवाज में कई भजन व गीत गाए जीसे सुनकर भक्तजन भाव विभोर हो गए महिला समिति के द्वारा सिंधी हिंदी छत्तीसगढ़ी गुजराती राजस्थानी पंजाबी स्वागत गीत पर शानदार नृत्य किया बालिकाओं के द्वारा भी सुंदर नृत्य पेश किया गया छोटे-छोटे बच्चों के द्वारा अलग-अलग गेट अप में तैयार होकर आए थे संत कंवर राम गुरु नानक देव जी संतलाल सांई साधु वासवानी भगवान झूलेलाल के रूप में तैयार होकर आए थे इन बच्चों ने सभी का मन महोलिया आपने रुप से 



दीदी के द्वारा रामा वैली परिवार साधु वासवानी सेंटर बिलासपुर वह समस्त बिलासपुर चकरभाठा वासियों का हृदय से आभार व्यक्त किया की इन तीन दिनों में जो आप लोगों ने हमें प्यार दिया है सम्मान दिया है वह इतना अच्छा बहुत सुंदर कार्यक्रम पेश किया स्वागत सत्कार किया इसके लिए हम तहेदिल से आप सभी का आभार व्यक्त करते हैं जैसा सुना था छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया 

न्यायधानी पहुंचकर अपनी आंखों से देख भी लिया वह महसूस भी किया वाकई में यहां के लोगों में खूब प्यार भरा पड़ा है यही इनका प्यार मुझे खींच लाया और भविष्य में भी यहां पर दोबारा जरूर आना चाहूंगी आप लोगों के बीच

दीदी कृष्णा कुमारी जी ने अपनी अमृतवाणी में सत्संग में फरमाया कि आप अपने जीवन को सुंदर बनना चाहेंगे या रेगिस्तान बनाना चाहते हैं

अगर आप अपने जीवन को सुंदर बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने अंदर बदलाव लाना होगा और वह बदलाव है अहंकार लोभ लालच क्रोध आलसय इनको अपने अंदर से निकाल कर बाहर फेंकना होगा और अपने जीवन के अंदर में प्यार विश्वास का दीपक जलाना होगा भगवान को आत्मा से परमात्मा का मिलने के लिए सबसे अगर कोई चीज है तो वह है प्रार्थनाकरे शुकराना करें सबका मंगल मेंय हो सबका भला हो यही प्रार्थना करें सबका अच्छा सोचे अच्छा कार्य करें भला करें इंसान हो या जानवर सबसे प्यार करें अगर जब आप ऐसा करना शुरू करेंगे तो आपका जीवन खुशहाल हो जाएगा



दो दोस्त थे राम और श्याम एक बार संत के पास जाते हैं और कहते हैं कि हम हमेशा सत्संग में सुनते हैं कि मरने के बाद स्वर्ग मिलेगा या नरक मिलेगा अपने कर्मों के हिसाब से मिलेगा पर मरने के बाद दिखेगा कौन कि मैं कहां पहुंचा हम चाहते हैं कि आप जीते जी हमें स्वर्ग और नरक का दर्शन कराये उस संत ने कहा ठीक है अपनी आंखें बंद करो और पूरा ध्यान सिर्फ भगवान पर लगाओ दोनों ने आंखें बंद की और ध्यान भगवान पर केंद्रित किया संत ने उनके सिर पर हाथ घुमाया और वह सो गए सपने में देखते हैं कि वह मर गए हैं और यमदूत उन्हें ऊपर लेके आए हैं तो वह कहते हैं कि पहले हम नरक जाना चाहेंगे वहां देखेंगे दोनों नरक जाते हैं देखते हैं खाने पीने की बहुत सारी वस्तुएं रहती है एक से एक स्वादिष्ट भोजन रहता है और बहुत सारे लोग बैठे रहते हैं लेकिन वह दुबले पतले होते हैं पर कुछ खा नहीं पाते हैं जब ध्यान से देखा तो उनका हाथ मूडा हुआ था जीसके कारण चीज उठाकर मुंह तक नहीं पहुंच पा रहा था और सभी लड़ रहे थे आपस में एक दूसरे से झगड़ा गाली गलौज कर रहे थे वह दोनों वहां से निकालकर फिर स्वर्ग जाते हैं वहां पर भी खाने पीने के सब सामान थे स्वादिष्ट मिठाइयां हर प्रकार का समान खाने का पड़ा था कोई कमी नहीं थी पर वहां पर जो लोग थे एकदम तंदुरुस्त थे हष्ट पुष्ट थे पर उनका हाथ भी मूडा हुआ था वह भी कुछ चीज उठाकर खा नहीं पा रहे थे पर फिर भी बहुत खुश थे और तंदुरुस्त थे मोटे तगड़े थे राम और श्याम ने एक व्यक्ति से पूछा इसका राज क्या है तब उस 🚶 ने कहा कि हम भी वस्तु उठाकर अपने मुंह में नहीं खा सकते हैं पर सामने वाले को खिला सकते हैं तो हम खाना उठाकर सामने वाले को खिलाते हैं सामने वाला खाना उठाकर हमें खिलाता है हम सब एक दूसरे को खिलाते हैं तो हमारा पेट भर जाता है और हम खुश रहते हैं इसलिए हम तंदुरुस्त है कुछ समय बाद दोनों की आंखें खुलती है और संत से पूछते हैं गुरुदेव हमने सपने में स्वर्ग और नरक दोनों देख पूरा विस्तार से जानकारी देते हैं पर नरक में ऐसा क्यों है तब उस संत ने कहा नरक में आप लोगों ने जो देखा वहां पर सब एक दूसरे लड़ाई झगड़ा कर रहे थे गाली गलौच दे रहे थे पर एक दूसरे कोई खिला नहीं रहे थे इसलिए वह भूखे मर रहे थे और स्वर्ग में एक दूसरे को खिला रहे थे इसलिए वह खुश थे और तंदुरुस्त थे जो चीज हम किसी को देंगे वह रिटर्न वापस हमें मिलेगी चाहे आप अच्छा कार्य करोगे सम्मान करोगे प्यार दोगे तो आपको भी रिटर्न वही मिलेगी अगर आप किसी को गाली गलौज करोगे नफरत करोगे तो आपको भी रिटर्न वही मिलेगी हम यह नहीं कहते हैं कि आप दुकान मत जाओ धंधा मत करो पैसा मत कमाओ आप पैसा कमाओ जीवन जीने के लिए पैसा जरूरी है ग्रस्त जीवन की गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए पैसा जरूरी है आप पैसा कमाइए पर उसका दसवंत हिस्सा दान पुण्य में खर्च कीजिए गरीब दिन दुखीयों जरूरतमंद लोगों पर खर्च करें तो रिटर्न 10 गुना ज्यादा पैसा आपके पास आएगा प्रॉफिट आपको होगी दिन में 24 घंटे होते हैं आपको सिर्फ प्रतिदिन आधा घंटा ही आप सुबह उठकर अपने प्रभु पर ध्यान दीजिए प्रार्थना कीजिए उतना ही काफी है यह पैसा आपके इस जीवन के लिए जरूरी है पर ऊपर जाएंगे वहां पर यह पैसा काम नहीं आएगा वहां पर जो आप सच्चे हृदय से भाव से मन से प्रार्थना करेंगे और भक्ति का दीपक जलाएंगे वही पुण्य आपके साथ वहां जाएंगे दादा कहते थे अगर किसी को जीवन दे नहीं सकते हो तो किसी का जीवन लेने का भी तुम्हें अधिकार नहीं है इसलिए किसी भी जीव जंतु पशु पक्षी की हत्या न करें और जितना हो सके शाकाहार जीवन अपनाए शुद्ध आहार शाकाहार जैसा होगा अन्न वैसा होगा मन दादा ने ही यह मंत्र दिया है इस मंत्र पर अमल जरूर करें कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई प्रार्थना की गई पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया वह आए हुए सभी भक्तजनों के लिए आम भंडारे का आयोजन किया गया बड़ी संख्या में भक्त जनो ने भंडारा ग्रहण किया आज के इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में साधु वासवानी सेंटर बिलासपुर और रामा वैली परिवार के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा




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