बिलासपुर। हाईकोर्ट ने कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चिकित्सा व्यवस्था पर संज्ञान लेकर सिम्स प्रबन्धन से जवाब- तलब किया।जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण से निपटने की तैयारियों के बारे में पूछा। डीन डा. केके सहारे ने बताया कि सिम्स और जिला अस्पताल में 10-10 बेड आईसीयू में आरक्षित रखे गए हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि मामले बढ़ रहे हैं, सिर्फ 10 बेड से क्या होगा?
कोरोना के नए वैरिएंट जेएन 1 को लेकर छत्तीसगढ़ में अलर्ट जारी किया गया है। चिकित्सा व्यवस्था पर एक जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने शुक्रवार को सिम्स के डीन डा. केके सहारे को बुलाकर तैयारियों की जानकारी ली। डीन ने बताया कि विदेश यात्रा से लौटा एक युवक आरटीपीसीआर जांच में कोरोना संक्रमित मिला था। इसके बाद कोरोना संक्रमित के परिजनों का एंटीजन टेस्ट कराया गया, जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई है। सीएमएचओ ने सभी सरकारी अस्पतालों में 10-10 बेड रिजर्व रखने के आदेश दिया है। 400 से अधिक लोगों की कोरोना जांच कराई गई है, जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई है। डीन ने बताया कि आरटी पीसीआर और रैपिड एंटीजन से जांच की जा रही है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि मरीजों की संख्या बढ़ी तो इतने कम बिस्तर से इलाज कैसे होगा।
स्वास्थ्य विभाग का यह दावा
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले के अस्पतालों में 52 एडल्ट वेंटीलेटर, 13 पीडियाट्रिक वेंटीलेटर, 107 मल्टी पैरा मॉनिटर, 841जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर, 343 छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर और 578 ऑक्सीजन कंसलटेंटर तैयार रखे गए हैं। साथ ही 10 सेंटर में सैंपल जांच की जाएगी। इसमें 7 सरकारी और तीन प्राइवेट सेंटर हैं। सरकारी में तिलक नगर समुदयिक भवन सेंटर, सिम्स, जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिल्हा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तखतपुर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मस्तूरी और प्राइवेट मे अपोलो हॉस्पिटल , श्रीराम केयर और एकता लैब मे कोरोना की जांच चल रही है।