रेलवे सुरक्षा बल, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रेल यात्रियों, रेल संपत्ति की सुरक्षा के साथ ही साथ अपने सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन भी सर्वाच्च प्राथमिकता के साथ कर रही है । रेलवे सुरक्षा बल द्वारा कर्तब्यनिष्ठा से जरूरतमंद यात्रियों को सहायता प्रदान करने के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष ध्यान देते हुए इनकी सुविधा व सुरक्षा के किए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है ।
इसी कड़ी में रेलवे सुरक्षा बल, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा अपनी जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करते हुए इस वर्ष नवंबर’ 2023 माह तक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के क्षेत्राधिकार में "ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते" के तहत घर से भागे हुये, परिजनों से बिछड़े हुये 261 नाबालिग बच्चों, जिनमें 148 बालक एवं 113 बालिकाएं शामिल थे, उन्हें विभिन्न स्टेशनों/ट्रेनों में रेसक्यू कर गैर-सरकारी संगठनों व उनके अभिभावकों को सौंपा गया ।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, सुरक्षा बल के जवान सतर्कता, सुरक्षा और सेवा के उद्देश्य के साथ चौबीस घंटे लगन से अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन सेवाभाव के साथ कर रहे है । रेल सुरक्षा बल द्वारा किए जा रहे इन कार्यों को जनता से बहुत सकारात्मक और उत्साहजनक प्रतिक्रिया लगातार मिल रही है ।
इसके साथ ही रेलवे सुरक्षा बल नियंत्रण कक्ष में चौबीसों घंटे चल रहे सुरक्षा हेल्पलाइन और महिला हेल्पलाइन के माध्यम से यात्रियों को त्वरित सहायता प्रदान की जाती है । रेलवे स्टेशनों/ट्रेनों पर महिला आरपीएफ स्टाफ की तैनाती के द्वारा महिला यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिये जा रहे है । यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आरपीएफ कर्मचारियों द्वारा रात्रि में चलने वाली अतिसंवेदनशील ट्रेनों को एस्कॉर्ट किया जा रहा है । असुरक्षित ट्रेनों/सेक्शनों में पर्याप्त संख्या में डिकॉय टास्क फोर्स टीमों की तैनाती द्वारा यात्री सामान की चोरी, नशाखोरी, पाकिटमारी तथा अन्य जघन्य अपराध जैसे चोरी, डकैती में शामिल अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रेल सुरक्षा बल अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल काफी ऊंचा है और वे रेल यात्रियों, यात्री परिसर और रेलवे संपत्ति की उचित सुरक्षा सुनिश्चित करने के रेल सुरक्षा बल के उद्देश्यों के प्रति प्रतिबद्ध एवं समर्पित हैं ।