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शोभा टाह फाउंडेशन और गौर बोस मेमोरियल की पहल, सिकल सेल का मिले सही इलाज

 




 छत्तीसगढ़ में सिकल सेल को लेकर सबसे बड़ी समस्या यह है यहां लोगों को इसकी जानकारी का अभाव है। यह बीमारी क्या है, कैसे फैलती है इसके इलाज और रोकथाम के बारे में यहां के लोगों को ज्यादा कुछ नहीं पता नहीं है.   शोभा टाह फाउंडेशन ने गौर बोस मेमोरियल के साथ मिलकर यह संकल्प लिया है  कि यहां के लोगों को सिकल सेल एनीमिया का सही इलाज मिले.  ताकि कई जिंदगियों को बचाया जा सके.





 इस कार्य में गौर बोस मेमोरियल लगातार काम कर रहा है. यहां पर गंभीर मरीजों को भर्ती कर आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क इलाज किया जा रहा है. सिकल सेल के मरीज के परिजनों का भी निशुल्क सिकल सेल टेस्ट किया जा रहा है. यहाँ इलेक्ट्रोफॉरेसिस करके यह सुनिश्चित किया जाता है कि बाकी लोगों को यह बीमारी तो नहीं है. जिन लोगों में इसके ट्रेट्स पाए जाते हैं उन लोगों को समझाइए दी जाती है. इसके साथी सिकल के मरीज पैदा ही ना हो इसके लिए प्रीनेटल टेस्ट के द्वारा डायग्नोसिस के समझाइए स्थिति जाती है




जानें क्या है सिकल सेल 

सिकल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक रोग है. इसलिए जब तक इसकी जांच न कराई जाए तब तक इस बीमारी का पता नहीं लग पाता. यह रोग खून में मौजूद हीमोग्लोबिन को प्रभावित करता है. हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद प्रोटीन है , शरीर की सभी कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. जिस व्यक्ति में यह बीमारी होती है उसके हीमोग्लोबिन का आकार बिगड़ कर हंसिए की तरह हो जाता है. इसलिए इसे सिकल सेल एनीमिया( Sickle Cell Anemia) कहा जाता है.



सिकल सेल, सामान्य लाल रक्त कोशिकाओं की तुलना में कम लचीली होती हैं और चूंकि उनका रूप हंसिया जैसा हो जाता है, इस कारण वे छोटी-छोटी रक्त धमनियों से होकर गुजर नहीं पातीं और गुजरने की प्रक्रिया के दौरान टूट जातीं हैं। कई बार तो छोटी रक्त धमनियों से गुजरने के दौरान ये सिकल सेल वहां फंस जाती हैं और रक्त संचार में रूकावट पैदा करती हैं। इस कारण व्यक्ति को तेज दर्द महसूस होता है और कई गंभीर बीमारियां जैसे- , या एक्यूट चेस्ट सिंड्रोम होने का खतरा रहता है। 




 गौर करने वाली बात यह है कि यह बीमारी छत्तीसगढ़ में तेजी से फैल रही है. रायपुर के जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल  मेडिकल कॉलेज की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिकल सेल एनीमिया छत्तीसगढ़ में एक गंभीर समस्या है.  छत्तीसगढ़ में सिकल सेल  एनीमिया के कारण हर साल 10000 लोग दम तोड़ देते हैं.



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