बिलासपुर। हाईकोर्ट ने पुलिस को एक बार फिर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि जनता के बीच यह संदेश जाना चाहिए कि पुलिस-प्रशासन मजबूत और निष्पक्ष तरीके से काम कर रहा है। क्रिप्टो करेंसी के एक मामले में तेजी से कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने का निर्देश कोर्ट ने दिया है। सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा कि गरीब और छोटे लाेगों का एक-एक रुपया कीमती होता है।
रायपुर और महासमुंद में क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क मार्केटिंग प्रोजेक्ट में पैसा लगाने पर छह महीने में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर एक बीमा कंपनी की महिला कर्मी से तीन लोगों ने 30 लाख 25 हजार रुपए ठग लिए थे। ठगी की शिकार महिला की शिकायत पर तेलीबांधा थाना पुलिस ने महासमुंद जिले के तीन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया। लेकिन किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गई। पीडि़त महिला के अनुसार मामले में कुल 11 आरोपी हैं, लेकिन पुलिस जांच नहीं कर रही है।
छह माह में रकम दोगुना करने का दिया था झांसा
रायपुर के शांतिनगर, भारत माता चौक निवासी कुमारी ललिता सोना (34) का खुद का व्यापार है। एक सितंबर 2022 को उनके मोबाइल पर 9827262080 नंबर से सरायपाली,महासमुंद निवासी तेज कुमार पुरी ने काल कर खुद को क्रिप्टो करेंसी से संबंधित किसी प्रोजेक्ट में काम करना और उसमें पैसा लगाने पर छह महीने में रकम दोगुना करने का आश्वासन दिया। इसके बाद वह लगातार पैसा निवेश करने प्रेरित करता रहा। इसी दौरान तेज कुमार ने 6 सितंबर 2022 को वीआईपी चौक के पास स्थित ट्रिटोन होटल में उस प्रोजेक्ट के संबंध में साथियों द्वारा एक सेमिनार आयोजित करने की जानकारी देकर आमंत्रित किया। ललिता सेमिनार में शामिल हुई,जहां तेज कुमार पुरी के साथ पिथौरा निवासी समीर कुमार मिश्रा, सत्यवती दुबे, किशोर कुमार, प्रेमलाला प्रधान, बालेश्वर प्रधान, चैतन कुमार साहू, घासीदास मानिकपुरी, तेजराम देवांगन, अरखीत दास, राकेश गुप्ता आदि मौजूद थे। सभी ने निवेश के लिए बड़ी बड़ी बातें की।
30 लाख जमा करा लिए थे झांसा देकर
18 अक्टूबर को फिर से उसी होटल में बुलाकर तेज कुमार पुरी, समीर कुमार मिश्रा,सत्यवती दुबे ने नेटबैंकिंग के माध्यम से तेज कुमार पुरी के इंडियन बैंक के खाते में 4.50 लाख रुपए आरटीजीएस कराया। फिर आरोपियों ने मिलकर 27 दिसंबर 2022 तक किस्तों में नगद और अलग-अलग बैंक खातों में कुल 30 लाख 25 हजार रुपए महिला से जमा करा लिए। दिसंबर में ही तेजकुमार ने निवेश किया गया पैसा दोगुना वापस लौटाने की गारंटी देते हुए आईडीबीआई और एसबीआई के चार-चार चेक दिए। छह महीने बीत जाने के बाद ललिता ने आरोपियों को कॉल किया तो सभी के मोबाइल स्वीच आफ थे। दिए गए चेक बैंक में जमा करने पर वे भी बाउंस हो गए। मामले में पुलिस में एफआईआर के बाद भी कार्रवाई न होने हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।