बिलासपुर। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने प्रदेश की चौपट यातायात व्यवस्था पर कड़ी आपत्ति की है। वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान आम जनता की परेशानी पर उन्होंने कहा कि वीवीआईपी वाहन क्या सामने खड़े लोगों के ऊपर से निकलेंगे। ऐसे समय में सिग्नल फ्री किया जाना चाहिए। इससे यातायात सामान्य हो सकता है। देश के अन्य राज्यों में भी वीवीआईपी आते जाते हैं मगर वहां सिग्नल फ्री कर दिया जाता है। लखनऊ समेत अन्य शहरों में भी हमने यह देखा है। चौक चौराहों पर लेफ्ट साइड फ्री नहीं होने पर भी कोर्ट ने टिप्पणी की।
स्थानीय नेहरू चौक पर एम्बुलेंस पलटने की घटना को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए सुनवाई शुरू की है। हाईकोर्ट ने राज्य के रायपुर, दुर्ग ,बिलासपुर जैसे बड़े शहरों में बिगड़ी यातायात व्यवस्था को भी संज्ञान में लेते हुए प्रदेश के डीजीपी, एसपी और कलेक्टर बिलासपुर को शपथपत्र पर जवाब देने के निर्देश दिए हैं। इसमें यातायात व्यवस्था समेत रोडमैप की जानकारी देनी होगी।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डीबी ने शहर सहित पूरे प्रदेश के चौपट ट्रैफिक सिस्टम को गंभीरता से लिया है। बुधवार को मरीज ले जा रही एक एम्बुलेंस नेहरू चौक पर अचानक पलट गई थी। इस घटना में ड्रायवर को फ्रेक्चर हो गया और मरीज भी घायल हुआ। कोर्ट ने शासन के वकील से कहाकि हम रोज देखते हैं यहाँ क्या स्थिति है, सडक पर जाम लगा रहता है। कोर्ट ने प्रदेश में बिलासपुर सहित सभी जगहों पर भी आपातकालीन सेवा के वाहनों हेतु अलग से रोड मैप बनाने का निर्देश दिया। इस प्रकार की व्यवस्था हो कि भीड़ वाले इलाके में भी एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसे वाहन आसानी से निकल जाएँ ।