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CG High Court Breaking : दहेज के झूठे मामले में फंसाने को हाईकोर्ट ने माना पति के विरुद्ध क्रूरता, पति की तलाक की अर्जी स्वीकृत

 







बिलासपुर. हाईकोर्ट ने दहेज़ प्रताड़ना के एक मामले में निचली कोर्ट से बरी हुए पति की अपील मंजूर की है। कोर्ट ने पाया कि पत्नी ने पति के साथ मानसिक क्रूरता की है। इस आधार पर कोर्ट ने तलाक की अपील स्वीकार की है।

 पत्नी द्वारा पति व ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दायर करने के बाद क्रिमिनल कोर्ट ने इन्हें बरी कर दिया था। पत्नी ने फिर अपील की, जिसे खारिज कर दिया गया। हाईकोर्ट ने मानसिक क्रूरता के आधार पर पति की अपील स्वीकार करते हुए तलाक की मंजूरी दे दी है। हाउसिंग बोर्ड कालोनी कोरबा निवासी धीरेन्द्र द्विवेदी का विवाह जेपी विहार मंगला बिलासपुर निवासी मंजू से हुआ था। विवाह के कुछ समय बाद मंजू ने अपने पति और सास- ससुर पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए धारा 498 के तहत पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी। इसके बाद इन तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया। पति ने क्रिमिनल कोर्ट में अपील की। यहाँ से इन सबको जेल से मुक्त करने का आदेश जारी हुआ। इसके बाद पति ने तलाक लेने के लिए फैमिली कोर्ट में आवेदन किया। इसे नामंजूर कर दिया गया। इस पर पति ने हाईकोर्ट में अपील की। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस दीपक कुमार तिवारी की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए पति की अपील स्वीकार कर तलाक की अनुमति दी है।

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