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भीड़ तंत्र के सामने नतमस्तक पुलिस ? बिना निष्पक्ष जाँच के बेकसूरों को भेजा जा रहा जेल? पढ़ें ये रिपोर्ट

 




क्या भीड़ तंत्र पुलिस की कमजोरी बनती जा रही है ? एफआईआर करानी हो तो भीड़ तंत्र जरूरी है ! किसी निर्दोष को जेल भेजना हो तो भीड़ तंत्र जरूरी है ! FIR हो जाए और किसी की गिरफ्तारी करवानी है तो भीड़ तंत्र जरूरी है ?किसी सही मामले में कार्यवाही करवानी हो तो भीड़ तंत्र जरूरी है ?क्या पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच होना लगभग बंद सी हो गई है ?क्या निष्पक्षता के आधार पर पुलिस कार्यवाही होना लगभग बंद सा हो गया है ?,



बड़ा दुर्लभ मामला था जब घुरू अमेरी में घटित तथाकथित बालिका आश्रय कांड में बिलासपुर की महिला वकील ने अपने पक्ष में मनचाही कार्यवाही करवाने हेतु इतना अधिक दबाव बनाया था कि सरकंडा थाने ने पदस्थ तत्कालीन थाना प्रभारी स्निप रात्रे पर ही महिला वकील ने अपने कपड़े फाड़ने सहित ब्रेस्ट में हाथ डालने के आरोप लगा दिए थे ?फिर भी थाना प्रभारी स्नीप रात्रे की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी कि उन्होंने अपने ऊपर लगे गंभीर झूठे आरोपों की परवाह न करते हुए पुलिस की अपनी निष्पक्ष जांच को प्राथमिकता दिया था !


इसी प्रकार तारबहार निवासी राजेश सेठ/रजनी सेठ द्वारा शासकीय भूमि पर,पहले से बैंक आफ बड़ौदा में गिरवी संपति को,बिना अनुमति,नक्शा पास कराए बिना निर्मित अवैध निर्माण को तत्कालीन सेंट बैंक के अधिकारियों के साथ मिली भगत कर लोगो के साथ ठगी करने के मामले में एक लड़कीबाज अय्याश ने निचले स्तर की बैंक कर्मी को भी ST/SC एक्ट में आरोपी बनवा दिया,जबकि क्लर्क स्तर की उक्त महिला का उस कर्ज प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं थी,ये तो अच्छा हुआ कि सेंट बैंक के उच्च अधिकारियों ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से लगातार पत्राचार किया और निष्पक्ष जांच की मांग किया तो पुलिस को भी अपनी जांच में यह स्वीकार करना पड़ा कि सेंट बैंक की महिला कर्मचारी की,बिल्डर राजेश सेठ /रजनी सेठ द्वारा लोगो से की गई ठगी में कोई भूमिका नहीं है अन्यथा लड़किबाज शिकायत कर्ता के POA होल्डर ने तो SC/ST एक्ट की आड़ में अपनी रासलीला का पूरा इंतजाम कर लिया था ?


बिल्हा क्षेत्र में महिला द्वारा आरोपित सात लोगो द्वारा गैंग रेप में आरोपों में पुलिस जांच ने निष्पक्ष जांच के अभाव आरक्षित वर्ग की भीड़ तंत्र के सामने नतमस्तक होकर निर्दोष लोगो को जेल भेजती दिखाई देती है ? पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच होना तो लगभग बंद सा हो गया है हमें ऐसा प्रतीत होता है ?


सोशल मीडिया पर वायरल अपील इस तरह है :


बिल्हा क्षेत्र में लगातार धर्मांतरित समाज (भीम आर्मी)द्वारा झूठे केसों में भीड़ इकट्ठा कर प्रशासन के ऊपर दबाव बनाकर निर्दोष जबरदस्ती झूठा केस लगाया जा रहा है यादव, कुर्मी, साहू, निर्मल समाज के प्रमुख जनों से निवेदन है कि को (सतनामी समाज) के कुछ लोगों के द्वारा झूठे केस में 376 का मामला बनाकर झूठे केस में झूठे फसाया जा रहा है वह व्यक्ति घटना के समय अपने घर में था उनको जबरदस्ती फसाया जा रहा है समाज के सभी जनप्रतिनिधि बड़े बुजुर्गों से निवेदन करूंगा की अपने समाज के व्यक्ति के ऊपर हो रहे अत्याचार और झूठे केस में उनके साथ होने वाले अन्याय में साथ दे ताकि हमारे समाज के व्यक्ति को न्याय मिल जाए सभी कोई आज एसपी ऑफिस बिलासपुर में पहुंच कर सहयोग करें 🙏🙏🙏

समय 11:00 बजे सुबह

स्थान एसपी ऑफिस बिलासपुर नेहरू चौक

(विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल और हिंदू संगठन से जुड़े लोगों हैं)

रतनपुर में कांग्रेसी सत्ता में ब्राह्मण महिला को नितांत झूठे प्रकरण में फंसाने की घटना को भी पुलिस को अपने महकमे में झांककर देखना चाहिए कि आखिर हो क्या रहा है ?पुलिस किस थ्योरी पर काम कर रही है ?


राजनीतिक दबाव और भीड़ तंत्र के सामने नतमस्तक होती पुलिस क्या जनता को न्याय दिला पायेगी?

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