बिलासपुर। स्मार्ट सिटी के तहत शहर के हृदय स्थल पर स्थित सिटी कोतवाली परिसर मे बहु मंजिल पार्किंग का निर्माण कार्य स्मार्ट सिटी लिमिटेड एक निजी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। उक्त कंपनी द्वारा इसी परियोजना के तहत अरपा नदी के किनारे दोनों और सुसज्जित एवं व्यवस्थित सड़कों का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
यह योजना पार्किंग के पूर्व की है जो अत्यंत धीमी गति से चल रही है वहीं पार्किंग के निर्माण कार्य की गति देखकर आश्चर्य होता है कि इतना जल्दी इतनी स्पीड से इसका निर्माण कार्य क्यों किया जा रहा है?
जबकि चुनाव के पूर्व अरपा नदी के किनारो की दोनों रोड का उद्घाटन हो जाना था जो पर कार्य कर रही कंपनी की अनदेखी एवं कार्य के प्रति अरुचि का परिणाम आप सबके सामने हैं। उक्त कंपनी का सिटी कोतवाली के समीप बन रही पार्किंग के प्रति मोह एवं स्पीड से कार्य करने का सबसे बड़ा कारण यह है कि उक्त पार्किंग के भूतल पर 46 दुकानों का निर्माण कर करोड़ अरबो रुपए की राशि का बंदर बाट करना है, अवस्थित तरीके से बनाया जा रहे इस स्मार्ट पार्किंग एवं व्यावसायिक परिसर किसी भी प्रकार के नियमों कानून का पालन नहीं किया जा रहा है दुकान के निर्माण कार्य को देखने से पता चलता है कि किस तरीके से बिना प्लानिंग के दुकान बनाई जा रही है लगभग 15000 स्क्वायर मैं बनी पार्किंग के भूतल पर बनाए गए व्यावसायिक परिसर का आलम यह है कि एक दो दुकानदार द्वारा अगरबत्तियां जला दी जाएगी तो उसकी धूवां भी बाहर नहीं निकल सकता पूर्णता बिना प्लानिंग से बना यह पार्किंग एवं व्यावसायिक परिसर किसी भी मापदंड को पूरा नहीं कर रहा है।
स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी जो शासकीय नहीं है उसके द्वारा नगर निगम की संपत्ति पर आधिपत्य समझ से परे है 46 दुकानों को 30 साल की लीज पर है बिना रोस्टर के पालन किए दिया जाना गैर कानूनी है और मजे की बात यह है कि उक्त भूमि का किराया का निर्धारण नगर पालिका निगम द्वारा निर्धारित किया जाएगा पर प्रारंभिक प्रक्रिया स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी द्वारा किया जा रहा है "आन के पिसान आन के घी शंख बजाए बाबा जी" के तर्ज पर यह परियोजना संचालित हो रही है जिसमें बड़ी खामियां हैं परिसर की निर्माता दुकान देखकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे किस आधुनिक टेक्नोलॉजी के तहत निर्माण हुआ है इसे आप देखेंगे तो जरूर समझेंगे।
प्रदेश कांग्रेस सचिव महेश दुबे टाटा ने इसे सरकारी धन की घोर बर्बादी और अफसरों और निर्माण कंपनी की मनमानी बताते हुए पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है।