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High court: आरोपियों पर एफआईआर के बाद पीएससी में गड़बड़ी के खिलाफ दायर याचिका निराकृत, कोर्ट ने कहा- सीबीआई जांच पर फैसला शासन को लेना है

 





बिलासपुर। पीएससी 2022 में फर्जीवाड़ा पर नियुक्ति रदद् करने की मांग करते हुए दायर याचिका हाईकोर्ट ने निराकृत कर दी। पूर्व विधायक ननकी राम कंवर ने इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर की थी। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एनके चंद्रवंशी के डिवीजन बेंच ने कहा कि याचिका में की गई मांग के अनुसार मामले में पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव, राज‍भवन के सचिव अमृत खलखो, परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य अफसरों और नेताओं पर ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर ली है। आरोपियों के खिलाफ जांच जारी हैै। सीबीआई जांच पर कोर्ट ने कहा कि इस पर शासन को फैसला लेना है। डिवीजन बेंच ने यह भी कहा कि शासन की जांच के बाद अगर कोई पक्ष असंतुष्ट हो तो दोबारा हाईकोर्ट में अपील कर सकता है


उल्लेखनीय है कि पीएससी 2021-22 भर्ती में हुई गड़बड़ी काे लेकर पूर्व विधायक ननकी राम कंवर ने हाईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में पीएससी द्वारा भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए 18 चयनित उम्मीदवारों की सूची भी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई है। इसके अनुसार पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के लगभग आधा दर्जन रिश्तेदार डिप्टी कलेक्टर सहित अन्य पदों पर चयनित हुए हैं। इसके अलावा राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो के बेटी व बेटे, मुंगेली के तत्कालीन कलेक्टर पीएस एल्मा के बेटे, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के बेटे, बस्तर नक्सल आपरेशन डीआइजी की बेटी सहित ऐसे 18 लोगों की सूची प्रस्तुत करते हुए आरोप लगाए गए कि यह सभी नियुक्तियां गलत तरीके से की गई हैं।इससे योग्य उम्मीदवार चयनित नहीं हो पाए। याचिका में पहुंच के बल पर की गई नियुक्तियों को निरस्त करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच और कार्रवाई की मांग की गई थी।

मामले की सुनवाई के दौरान चयनित उम्मीदवारों ने अपने अधिवक्ता के जरिए हस्तक्षेप याचिका भी प्रस्तुत की। हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि पांच प्रतियोगियों की नियुक्ति हो चुकी है, ऐसे में नियुक्ति रोकना सही नहीं होगा। इस पर कोर्ट ने उनकी नियुक्ति को इस याचिका के अंतिम फैसले से बाधित रखा था। राज्य शासन ने कोर्ट को बताया था कि आपत्तिजनक पाए जाने पर 13 अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग पर रोक लगाई गई है। हालांकि डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार और पीएससी को निर्देशित किया था कि जो सूची याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत की है, उसके तथ्यों की सत्यता की जांच कर लें।


यह है मामला


बता दें कि 2021 में 171 पदों के लिए पीएससी ने परीक्षा आयोजित की थी। प्रारंभिक परीक्षा 13 फरवरी 2022 को हुई। इसमें 2 हजार 565 परीक्षार्थी पास हुए। इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को हुई मेंस परीक्षा में 509 अभ्यर्थी पास हुए। इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई थी।भाजपा ने पीएससी गड़बड़ी को चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था। कांग्रेस सरकार में भी मामले की शिकायत की गई थी, लेकिन शासन ने कहा था कि, जिसे आपत्ति है वो कोर्ट जा सकता है।

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