बिलासपुर। जिला न्यायालय कोरबा में कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाते हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने जांच और याचिकाकर्ता के आवेदन का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय खमतराई सरकंडा निवासी लक्ष्मी किशोरा हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी कि उसने जिला एवं सत्र न्यायाधीश कार्यालय कोरबा द्वारा असिस्टेंट ग्रेड 3 के पद पर नियुक्ति के लिए 2023 में असिस्टेंट ग्रेड 3 पद के लिए जारी विज्ञापन पर आवेदन प्रस्तुत किया था। नियुक्ति की प्रक्रिया जिला न्यायाधीश कार्यालय कोरबा द्वारा पूरी की गई थी। उसके पश्चात नियम अनुसार स्किल टेस्ट किया गया।
मेरिट लिस्ट में महिला का नाम अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग में कुल 159 नंबर प्राप्त करने पर पहले स्थान पर था, परंतु उसके बाद भी जिन पांच अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग की प्रत्याशियों का चयन किया गया था उन सभी ने उससे कम नंबर प्राप्त किए थे। सबसे पहले नंबर पर जिस महिला अनुसूचित जनजाति प्रत्याशी का चयन किया गया था, उसके मात्र 158 नंबर थे। उसी प्रकार महिलाओं के लिए आरक्षित पदों पर भी जो नियुक्ति की गई थी उसमें भी याचिकाकर्ता से कम नंबर प्राप्त करने वाली महिला का चयन कर लिया गया था। उसने जिला एवं सत्र न्यायाधीश कार्यालय कोरबा को इस संबंध में शिकायत की। इसके बाद भी उससे कम नंबर पाने वाले प्रत्याशियों का चयन असिस्टेंट वर्ग तीन पद के लिए कर लिया। नियुक्ति से वंचित होने पर महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने सुनवाई के बाद आदेश दिया कि नियुक्ति के संबंध में शिकायत की जांच की जाए। साथ ही नियुक्ति के संबंध में उसके द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन का 60 दिवस के भीतर निराकरण किया जाए।