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High Court : सेंदरी मानसिक चिकित्सालय में अब तक 200 बिस्तर नहीं, स्टाफ भी कम, शासन को रिपोर्ट देने के निर्देश

 





बिलासपुर। सेंदरी मानसिक चिकित्सालय में बिस्तरों की संख्या अब तक 200 नहीं की गई है। मनोरोग चिकित्सक, वार्ड बॉय नियुक्त करने सहित अन्य सुविधाएं भी नहीं हैं। हाईकोर्ट ने इस पर स्वास्थ्य सचिव को शपथपत्र देने के निर्देश दिए हैं। इस अस्पताल को 200 बिस्तर करने की योजना है जो 7 साल से प्रस्तावित है। अब तक इस दिशा में कार्य शुरू नहीं हो पाया है। 

उल्लेखनीय है कि इसके पहले हुई सुनवाई में शासन ने कोर्ट में कहा था  कि, बिस्तरों की संख्या 200 की जा रही है और डॉक्टरों की कमी भी दूर की जाएगी। राज्य में मानसिक रोगियों के इलाज के लिए 2017 में बने अधिनियम के अनुसार प्रावधान और सुविधा नहीं होने पर रायपुर के अधिवक्ता विशाल कोहली ने अधिवक्ता हिमांशु पांडेय के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।साथ ही हाईकोर्ट ने भी स्वतः संज्ञान लिया है। दोनों मामलों की एक साथ सुनवाई चल रही है। याचिका में बताया गया कि डब्ल्यूएचओ के नियम अनुसार 10 हजार लोगों पर 1 मनोचिकित्सक होना चाहिए। जबकि राज्य में 8 लाख लोगों पर एक है। प्रावधान के अनुसार हर जिले में एक मानसिक स्वास्थ्य केंद्र और मनोचिकित्सक होने चाहिए। याचिका में यह भी बताया गया है कि प्रदेश के एकमात्र राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी के लिए 11 चिकित्सकों के  पद स्वीकृत है, लेकिन उनमें मात्र 3 पद पर ही सायकेट्रिस्ट नियुक्त हैं। इसके अलावा 1 ईएनटी और 1 आर्थोपेडिक चिकित्सक की नियुक्ति कर दी गई है। कोर्ट ने प्रावधान के अनुसार पदों पर की जा रही नियुक्ति के लिए हो रहे प्रयासों की जानकारी देने कहा है।

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