बिलासपुर। आपराधिक मामले में दोषमुक्त होने के बाद हाईकोर्ट ने पुलिस सब इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन और सीनियरिटी का पात्र माना है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन को निराकृत करने के निर्देश दिए। वृन्दावन कॉलोनी, संतोषी वार्ड, जगदलपुर निवासी गेंदराम सोनवानी वर्ष 2006 में जिला-बस्तर में पुलिस विभाग में हेड कान्स्टेबल के पद पर पदस्थ था। वर्ष 2006 में उसके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होने पर उसे सेवा से निलंबित कर दिया गया। मामले में संपूर्ण ट्रायल के पश्चात् वर्ष 2015 में उसे दोषमुक्त कर दिया गया। दोषमुक्ति के पश्चात् पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) बस्तर द्वारा भूतलक्षी प्रभाव से वर्ष 2006 से सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) के पद पर पदोन्नति कर दी गई।, परन्तु डीजीपी पुलिस मुख्यालय द्वारा सब इन्सपेक्टर एवं इन्सपेक्टर के पद पर प्रमोशन एवं सीनियरटी प्रदान ना किये जाने से क्षुब्ध होकर गेंदराम सोनवानी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। अधिवक्ताओं द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि कोई भी शासकीय कर्मचारी यदि आपराधिक मामले में दोषमुक्त किया जाता है तब वह भूतलक्षी प्रभाव से उच्च पद पर प्रमोशन एवं सीनियरटी का पात्र है। चूंकि याचिकाकर्ता से जूनियर गोवर्धनदास दीपक को वर्ष 2006 में एएसआई, वर्ष 2013 में सब इन्सपेक्टर एवं वर्ष 2022 में इन्सपेक्टर पद पर प्रमोशन प्रदान किया गया, अतः याचिकाकर्ता भी उपर्युक्त वर्ष एवं पदों पर प्रमोशन एवं सीनियरटी का पात्र है। चूंकि पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) जगदलपुर द्वारा याचिकाकर्ता से जूनियर गोवर्धनदास दीपक को वर्ष 2006 से एएसआई पद पर प्रमोशन प्रदान किये जाने के आधार पर याचिकाकर्ता को भी वर्ष 2006 से एएसआई पद पर प्रमोशन एवं सीनियरटी प्रदान कर दी गई। इस आधार पर याचिकाकर्ता भी वर्ष 2013 से सब इन्सपेक्टर एवं वर्ष 2022 से इन्सपेक्टर पद पर प्रमोशन का पात्र है। हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को यह निर्देशित किया गया कि वे पूर्व में पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) बस्तर द्वारा लिए गये निर्णय के आधार पर याचिकाकर्ता को वर्ष 2013 से सब इन्सपेक्टर एवं 2022 से इन्सपेक्टर पद पर प्रमोशन एवं सीनियरटी प्रदान किये जाने के लिए प्रस्तुत अभ्यावेदन का निराकरण करें।