रायपुर. हाल ही में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के तबादलो में यहां बड़ा मुद्दा बीजेपी संगठन और प्रशासन गलियारों में गूंज रहा है। बताते हैं कि दागी अफसर आनंद छाबड़ा, आरिफ शेख, दीपांशु काबरा, संजय ध्रुव, अभिषेक माहेश्वरी को लूपलाइन में तो डाल दिया है पर इन पर कार्यवाही नहीं की है। उससे जुड़े चर्चित आईएएस और आईपीएस अफसर भी मलाईदार पदों पर नियुक्त होकर बीजेपी संगठन का मुंह चिढ़ा रहे हैं। संगठन की नाराजगी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनाये गये मापदण्डों को लेकर हो रही है।
वहीं परिवहन विभाग के प्रमुख रहे दीपांशु काबरा ने विभाग में जो गोरखधंधा किया था उसकी भरपायी कौन करेगा, यह भी बड़ा सवाल है। चैक पोस्ट पर अवैध वसूली के कई कारनामें उजागर हुए हैं। करोड़ों रूपये की अवैध वसूली उनके राज में हुई है। इससे पहले भी मैंने दीपांशु काबरा की सरपरस्ती में चैक पोस्ट पर चले अवैध वसूली को लेकर पोस्ट लिखी है।
दरअसल विधानसभा चुनाव के पूर्व संगठन की ओर से आला पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ नामजद शिकायतें चुनाव आयोग और केन्द्र सरकार को भेजी गई थी। चिट्टीयों में दागी अधिकारियों के भ्रष्टाचार का ब्यौरा भी पेश किया गया था, हालांकि चुनावी आपाधापी के चलते उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई लेकिन राज्य में बीजेपी की सरकार बनने पर संगठन के ज्यादातर नेताओं को उम्मीद जगी है कि विष्णुदेव साय उन दागी अफसरों के खिलाफ ठोस कार्यवाही करेंगे। इन दो माह के कार्यकाल में विष्णुददेव साय सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ क्या रूख करेगी यह अभी तक अस्पष्ट है। अपने शुरूआती दौर से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस रणनीति नहीं बनने के कारण साय सरकार पर संगठन की टेडी नज़र चर्चा में है। पत्रकारों पर अत्याचार के मामले हो या फिर शराब घोटाला, महादेव एप घोटाला, कोयला घोटाला, खदान, परिवहन घोटाला भ्रष्टाचार में शामिल नौकरशाहों के खिलाफ पूरी कार्यवाही ईडी के भरोसे छोड़ दी गई है। राज्य सरकार ने अपने इकट्ठा की जाने वाली कार्यवाही से भी मुंह मोड़ दिया है। ईडी लगातार पत्ता दिखाकर ईओडब्ल्यू को उसी पुलिस महकमों को आर्थिक अपराधों को लेकर आईपीसी के तहत कार्यवाही की जाने की लगातार गुहार लगा रहा है। बावजूद इसके सरकार का रवैया समझ से परे बनाया जा रहा है। ईडी के शिकायती पत्रों पर एफआईआर दर्ज होने के साथ-साथ कार्यवाही भी की जानी चाहिये थी। लेकिन कार्यवाही कब होगी इसका इंतजार पूरे छत्तीसगढ़ को है। ईडी की शिकायतों के अमल के लिये भी कोई महकमा पूर्ण जवाबदारी के साथ सामने नही आ रहा है। सिर्फ औपचारिकता निभाकर ईडी के पत्तों पर विराम लगा दिया गया है। लिहाजा भ्रष्टाचार के मुद्दों पर मुख्यमंत्री साय के स्टण्ड पर चर्चाओं का दौर जारी है। लोकसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस के भ्रष्टाचार और उसकी जांच का मुद्दा उभर गया है। ऐसे संवेदनशील दौर में विष्णुदेव साय के फैसलों निगाहें पर टिकी हुई हैं। इसी बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेश मूणत ने विधानसभा में महादेव सट्टे को लेकर सरकार से कार्यवाही करने का आग्रह किया है। साथ ही भिलाई विधायक रिकेश सेन ने तो पुलिस वालों पर सट्टे खिलाने का आरोप लगा दिया है। अब आने आला समय बताएगा कि छत्तीसगढ़ महतारी को लूटने वाले इन दागियों पर सरकार कब कार्यवाही करेगी।