धर्मांतरण से जूझ रहे छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को रोकने के लिए जल्द ही कानून बनाया जाएगा। विष्णुदेव सरकार शीघ्र ही धर्म स्वतंत्र विधेयक लाएगी। बिल का डॉफ्ट लगभग बनकर तैयार है। इस मामले में छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि धर्मांतरण रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार नया कानून लाएगी। विधानसभा के इसी सत्र में धर्म स्वतंत्र विधेयक लाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि बहुत सारी ऐसी शक्तियां हैं, जो कि विदेशी फंड के आधार पर छत्तीसगढ़ की डेमोग्राफी और इकोलॉमी को बर्बाद करने की कोशिश कर रही हैं। प्रलोभन और लालच के माध्यम से शासन को बिना सूचना दिए धर्मांतरण कराते हैं। इससे समाज में विवाद और विद्वेष फैलता है। इस पर कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि कानून लाए पर कानून के नाम पर किसी को प्रताड़ित करना उचित नहीं होगा।
सजा और जुर्माने का प्रावधान
धर्मांतरण पर आपत्ति जताने पर धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति से रक्त या गोद लेने संबंधी जुड़ा हुआ व्यक्ति इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा सकता है। इसके साथ ही यह केस गैर-जमानती होगा और यह सत्र अदालत की ओर से सुनवाई योग्य होगी। कोर्ट धर्म परिवर्तन के पीड़ित को 5 लाख रुपए तक का मुआवजा मंजूर कर सकता है। नाबालिग, महिलाओं या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लोगों का अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने वालों को कम-से-कम दो साल और अधिकतम 10 साल की जेल हो सकती है। वहीं कम से कम 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लग सकता है। सामूहिक धर्म परिवर्तन पर कम से कम तीन साल और अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माना भी लग सकता है।