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किसानों की उपजाऊ जमीन हो रही बंजर.....हिंद कोल वाशरी की जन सुनवाई निरस्त करने की मांग, प्रधानमन्त्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन।

 






किसानों की उपजाऊ भूमि हो रही बंजर कैसे करें किसान खेती पीने का पानी तालाब हो रहे प्रदूषित बिलासपुर क्षेत्र के इन उद्योगों से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल राखड़ केमिकल गंदा पानी खेतों को कर रहा बर्बाद आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में सस्ती दर की जमीनों पर अमानक लगे उद्योग पर्यावरण प्रदूषित कर भारी वाहनों के आवागमन ग्रामीण किसान अन्नदाता की भूमि हो रही बर्बाद किसानों के सामने रोजगार आजीविका की कठिन समस्या आखिर क्या प्रशासन सरकार में बैठे नेता मंत्री इन किसानों की लेंगे शुद या किसान अन्नदाता यूं ही होते रहेंगे बर्बाद

सन् 2004 में जे.के. इनजिनियरींग कॉलेज की स्थापना हुई थी, शैक्षणिक संस्थान के बगल में कोलवासरी खोलना असंवैधानिक है। संस्थान के द्वारा न्यायालिन कार्यवाही में ओदश प्राप्त हुआ था कोलवाशरी को बंद करने को, जो आज दिनांक तक संचालित है।

हिंद कोलवाशरी ग्राम खैरा गतौरा में स्थापित की गयी है। कोलवाशरी के समीप ही आबादी क्षेत्र है। जिससे वहा के रहवासी को कोल डस्ट के कारण बीमारी का शिकार हो रहे है तथा कृषि के उपजाउ पन में कमी आई है। मानवजीवन को देखते हुए यूनिट का विस्तार ना किया जाए ये स्वास्थ्य व पर्यावरण की दृष्टिकोण से उचित नही है।

कम्पनी के द्वारा जिस कंसल्टेंट कम्पनी से पी.आई.ए. रिपोर्ट बनवायी गयी है वह रिपोर्ट पूरी तरह फर्जी है।

हिंद कोलवाशरी की भूमि का डायवर्सन व्यवसायिक किया गया है। डायवर्सन कराते वक्त वाशरी संचालक के द्वारा डायवर्सन शाखा में 40 फीट की रोड़ बताई गयी है। जबकि यह सड़क प्रधानमंत्री योजना के तहत बनी इसकी चौडाई महज 6 मी. है। गलत जानकारी दे कर उक्त भूमि का डायवर्सन कराया गया है। क्यूकिं प्रधानमंत्री सड़क योजना का भार क्षमता महज 6 – 12 टन है। जबकि कोयला के भरें वाहनों का वनज 80 – 120 टन होताह है। प्रतिबंधित सडक पर ओवर लोड गाड़ियों का चलाया जाना अवैधानिक है। अतः 06/03/2024 को होने वाली जन सुनवाई को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।

खैरा- गतौरा से लगे हुए ग्राम पंचायत जयराम नगर पाराघाट, भनेसर, निगम क्षेत्र देवरी खुर्द, लाल खदान, कुदुभाटा, मोहतरा, भदौरा, मस्तुरी नगर पंचायत, ग्राम पंचायत किरारी दरीघाट, लावर, लिमतरा, मिलाई ये सब ग्राम पंचायत हिंद कोलवाशरी से 10 कि.मी. की वायु सीमा की परीधी में आते है। नियमतः इस पंचायतों को ई.आई.ए. रिपोर्ट अवलोकन हेतु दिया जाना था परन्तु पर्यावरण विभाग द्वारा प्रदान नही किया गया, जिस कारण इन ग्राम पंचायतों द्वारा विधि समंत जन सुनवाई ना होने के कारण, इन जन सुनवाई को निरस्त करने की, जिला कलेक्टर महोदय से अनुरोध किया जाता है। यदि उचित कार्यवाही नही होती है, तो न्यायालय में जाने के लिए बाध्य होंगे।

प्रतिलिपी


1 राष्ट्रपतिभारत सरकार


2 प्रधानमंत्री भारत सरकार


केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार

4 राज्यपाल छत्तीसगढ़ शासन


5 मुख्यमंत्रीछत्तीसगढ शासन


6 एन.जी.टी. मुख्यालय भोपाल


7 छत्तीसगढ़ पर्यावरण बोर्ड नवा रायपुर


8 क्षेत्रीय पर्यावरण मंण्डल व्यापार विहार बिलासपुर



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