बिलासपुर। सिरगिट्टी में खाली जमीन पर कारखानों के अपशिष्ट जलाने से प्रदूषण को संज्ञान में लेकर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है। बुधवार को सुनवाई में कोर्ट ने कलेक्टर बिलासपुर और सचिव पर्यावरण संरक्षण मंडल से शपथपत्र पर जवाब माँगा है। साथ ही पर्यावरण संबन्धी 2016 के नियम का पालन करने का निर्देश भी दिए।
सिरगिट्टी इलाके में कारखानों के अवशेष जलाने से हो रहे प्रदूषण पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने स्वयं संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि, इस ओद्योगिक इलाके में जो कुछ हो रहा है, उसकी जवाबदारी प्रशासन की है। लोग जहरीले धुए से बीमार हो रहे हैं। यहाँ मवेशी भी पोलिथीन और केमिकलयुक्त मटेरियल खाते हैं जिससे उनकी मौत हो रही है। इस सिलसिले में शासन ने कुछ नहीं किया। घोर लापरवाही की जा रही है, सरकारी अफसर ही इसके लिए जवाबदार हैं। सुनवाई के बाद डीबी ने मुख्य सचिव को इस बारे में एक विस्तृत लिखित शपथपत्र पेश करने का निर्देश दिया था । बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने शासन से पूछा कि,औद्योगिक क्षेत्र में वेस्ट कहाँ से आता है ,इसे कहाँ जलाते हैं यह बताएं। न्यायमित्र धीरज वानखेड़े ने अदालत को बताया कि, प्रदूषण और पर्यावरण को लेकर जो 2016 का रूल बना हुआ है, उसका पालन होने से समस्या नहीं आएगी। इसके बाद चीफ जस्टिस ने जिला कलेक्टर बिलासपुर और सचिव पर्यावरण संरक्षण मंडल से शपथपत्र पर जवाब माँगा है।