बिलासपुर में शहर की सफाई की आड़ में बड़ा भ्रष्टाचार का खेल हो रहा है. 100 से 95 प्रतिशत हाजिरी दिखाकर ठेकेदार निगम से पूरा पैसा ले रहे हैं वहीं सफाई कर्मचारियों के वेतन भुगतान में सैलरी काटकर बड़ी गड़बड़ी कर रहे हैं. ठेकेदारों के द्वारा शहर के सभी आठों जोन में 7 सफाई ठेकेदार 650 लेबर लगाए जाते हैं. निगम हर माह इन्हें 70 लाख रुपए भुगतान करता है. इसके बाद भी आउटर की कॉलोनियों में 4 साल में ठेकेदार के कर्मचारियों ने न तो सड़कें साफ की और न ही नालियां.
बता दे, शहर वासियों द्वारा निगम को हर साल औसत 800 रुपए टैक्स सफाई के लिए निगम को देना पड़ता है जनता की इस गाढ़ी कमाई को निगम ठेकेदारों को उस काम के लिए दे रहा है, जो वे कर ही नहीं रहे हैं.
लूट के इस खेल में पार्षद भी शामिल है. वे सड़क, नाली, बिजली, पानी जैसी समस्याओं को दूर करना छोड़कर ठेकेदारी कर रहे हैं. सफाई कर्मियों की अनुपस्थिति में रिजर्व कर्मियों की उपस्थिति दिखाई जाती है. जो सफाई कर्मी काम पर नहीं आते उन पर पेनल्टी लगाई जाती है. इससे होता यह है कि सभी ठेकेदारों सफाई कर्मियों की हाजिरी 95% लग रही है.
सफाई कर्मियों से बातचीत करने पर यह पता चला की हर महीने उनकी सैलरी काटी जा रही है. उनके द्वारा बताया गया की पीएफ कटने के बाद 10000 उनकी सैलरी आनी चाहिए. लेकिन हर महीने इसमें से 3000 के करीब काटे जा रहे हैं