छत्तीसगढ़ से निकला महादेव सट्टा घोटाला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर का घोटाला बन गया है। अभी हाल ही में इस घोटाले का मुख्य सूत्रधार एएसआई चंद्रभूषण वर्मा का ईडी के समक्ष दिए बयान/कथन ने साफ कर दिया कि छत्तीसगढ़ में उस समय भूपेश राज में बड़े ओहदों में बैठे आईपीएस अफसरों को मासिक 05-50 लाख महीना प्रोटेक्शन मनी के रूप में जाता था, जिसमें आनंद छाबड़ा को 35 लाख, अभिषेक माहेश्वरी को 35 लाख, आरिफ शेख को 10 लाख, संजय ध्रुव को 05 लाख महीना के अलावा कई आईपीएस अफसर और पुलिस कर्मचारियों जाता था। छत्तीसगढ़ के उस दौर में तब ऑनलाईन महादेव सट्टा ऐप को पूरा छत्तीसगढ में संरक्षण प्राप्त था। सीबी वर्मा के कथन में उस समय मुख्यमंत्री के ओएसडी सौम्या चौरसिया को 01 करोड़, विजय भाटिया को 01 करोड़ और सीएम मुख्यालय के डॉ सूरज कश्यप को 35 लाख जाता था। इन सब में विनोद वर्मा की भूमिका थी। संरक्षण का एक उदाहरण है, कैसे भिलाई पुलिस बड़े सटोरियों को बचाती थी। दिनांक 22 और 24 फरवरी 2022 की शाम अंजोरा चौकी पुलिस ने सीबी ढाबे रेस्टोरेंट से राजा गुप्ता अन्य को शराब के केस में पकड़ा जो कि जमानती अपराध था। दरअसल यह लोग महादेव ऐप के पैनल की ट्रेनिंग दे रहे थे पर उस समय के एडिशनल एसपी संजय ध्रुव ने शराब का मामला बनाकर इनको छोड़ दिया। इसका खुलासा चंद्रभूषण वर्मा ने अपने बयान में किया। वहीं भिलाई के सुपेला थाने में छोटे-मोटे सट्टे के मामले दर्ज किए और संजय ध्रुव ने मुझे उठवाने के लिए कई बार पुलिस टीम भोपाल भेजी जिसका नेतृत्व दुर्गेश शर्मा करते थे। यह वहीं दुर्गेश शर्मा हैं जिसे महादेव सट्टे ऐप पर कार्यवाही करने के लिए इस बार 26 जनवरी में पदक मिला है। छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्यशैली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दागी पुलिस अधिकारी को मेडल सम्मान मिलता है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में गरमाया महादेव सट्टा घोटाला, भाजपा वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत ने अपनी ही सरकार से कर दी ये मांग
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February 16, 2024
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