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कलेक्टर अवनीश शरण ने कार्रवाई , पटवारियों में मचा हड़कंप, जानें पूरा मामला

 




कलेक्टर अवनीश शरण ने एक अच्छी पहल की है कि गांव का पटवारी शहर क्यों नहीं संभाल सकता. शहर का पटवारी क्या जीवन भर शहर में रहने का वसीयत पट्टा बनवा लिया है क्या. क्या भ्र्ष्टाचार के बिना उसका जीवन नहीं चल सकता.


बता दें कि 6 मार्च को कलेक्टर अवनीश शरण ने बिलासपुर के 111 पटवारी का ट्रांसफर किया. इससे पटवारियों में हड़कंप मच गया है. पहली बार इतनी लम्बी सूची निकली जिसमे सारे के सारे रसूखदार और भृष्टचार का आरोप झेल रहे पटवारी ग्रामीण हलको में ट्रांसफर कर दिए गए. पटवारी लोग पूरी ताकत लगा रहें है कि कोई भी रास्ता बन जाए और संशोधन हो जाए. कोई विधायक के पास जा रहा है तो कोई मंत्री के पास. लेकिन कलेक्टर ने एकदम ठान लिया है कि राजस्व विभाग को वो पटरी पर लाकर रहेंगे. उनकी सोच एकदम साफ है कि गाँव का पटवारी शहर क्यों नहीं संभाल सकता. उसको मौका क्यों नहीं मिलना चाहिए. क्या शहर का पटवारी जीवनभर शहरी हलके में. रहने का वसीयत पट्टा बनवा लिया है क्या. गांव के पटवारी को कलेक्टर ने शहर लाकर काम करने का मौका दिया है. इससे जनता को भी बड़ी राहत रहेगी. काम काज जल्दी होगा और अनावश्यक भ्र्ष्टाचार कम होगा. शहरी पटवारी खुद को सीएम समझने लगे थे.. फोन नहीं उठाते थे. आफिस में नहीं मिलते थे.. जब जाओ तो उनका सहायक वसूली के लिए बैठा मिलता था.. कोई भी काम फ्री में होता ही नहीं था. शहर का पटवारी का आफिस दूकान का रूप ले चूका था. जहाँ कागज बिकता था. कलेक्टर अवनीश शरण ने इस पर लगाम लगाने की अच्छी पहल की है. 

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