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हाईकोर्ट ने कहा- संगठन बनाना संवैधानिक अधिकार, जानिए क्या है मामला

 





बिलासपुर। हाईकोर्ट ने एक मामले में कहा है कि संगठन बनाना कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है। एसोसियेशन बनाने के कारण कर्मचारियों की नौकरी से बर्खास्तगी को कोर्ट ने अनुचित माना है। कोर्ट ने सभी याचिकाकर्ता होमगार्ड्स को सेवा में बहाल करते हुए उन्हें लंबित देयकों का भुगतान भी करने के निर्देश दिए हैं। 


 चित्रसेन ,जगजीवन त्रिलोचन समेत अन्य 4 लोग बतौर होमगार्ड नियुक्त थे। वर्ष 2011 में इन लोगों ने मिलकर सभी साथी कर्मचारियों के लिए एक एसोसियेशन गठित की। इसका नाम होमगार्ड सैनिक एवं परिवार कल्याण संघ रखा गया। इसकी वजह से बड़े अफसरों ने इसे अनुशासन के खिलाफ मानते हुए सभी को शो कॉज नोटिस जारी किया। पहले मार्च 2011 में इन्हें निलंबित किया गया। बाद में अप्रैल 2011 में सभी को बर्खास्त कर दिया गया। इस कार्रवाई के खिलाफ पीड़ितों ने एडवोकेट शिशिर दीक्षित के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कहा कि कर्मचारियों को अपने लिए एसोसियेशन बनाने का पूरा अधिकार है। सिर्फ एक संगठन बनाने के कारण इनको नौकरी से नहीं हटाया जा सकता। जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद माना कि, इस प्रकार कोई एसोसियेशन तैयार करना याचिकाकर्ताओं का संवैधानिक अधिकार है। इसी के आधार पर कर्मचारियों को निलंबित और बर्खास्त नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सेवा से हटाने को दिए गये आदेश को अपास्त कर दिया और निर्देश दिया कि,याचिकर्ताओं को वापस बहाल करते हुए सभी लंबित देयक भी प्रदान किये जाएं।

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