बिलासपुर। पिता के शव को दफन से रोकने पर पुत्र ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने अवकाश के दौरान सुनवाई कर पुलिस अधीक्षक, बस्तर को निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ता को उचित पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए। साथ ही याचिकाकर्ता को रविवार 28 अप्रैल को अपने पिता के शव को दफनाने की अनुमति दी गई है।
बस्तर के ग्राम छिंदबहार निवासी ईश्वर कोर्राम की बीमारी से 25 अप्रैल 2024 को अस्पताल में मृत्यु हो गई। याचिकाकर्ता और उसका परिवार ईसाई धर्म को मानते हैं। पिता की मृत्यु के बाद उसका बेटा और परिजन जब दफनाने की व्यवस्था कर रहे थे तो थाना प्रभारी परपा ने याचिकाकर्ता को रोका और उसे सलाह दी कि वह ग्राम छिंदबहार में शव को न दफनाए क्योंकि उक्त गांव एक हिंदू बहुल गांव है और वहां दफनाने के लिए कोई अलग जगह नहीं है। इससे शव अभी भी शासकीय मेडिकल अस्पताल जगदलपुर के शवगृह में पड़ा हुआ है। याचिकाकर्ता ने पिता के शव को ग्राम छिंदबहार ले जाने की अनुमति मांगी, लेकिन उन्हें ऐसी अनुमति नहीं दी गई। याचिकाकर्ता ने 26 अप्रैल को कलेक्टर और एसपी. बस्तर को भी अभ्यावेदन दिया लेकिन संबंधित अधिकारियों ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया गया। शनिवार को अवकाश के दिन कोर्ट ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने कहा कि यदि ग्राम छिंदबहार में ईसाई समुदाय के लिए दफनाने के लिए अलग से जगह नहीं है, तो वह अपने पिता के शव को अपनी ही जमीन पर दफना देंगे। याचिकाकर्ता ने पुलिस अधिकारियों को उचित निर्देश जारी करके याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा देने की भी मांग की।
राज्य शासन की ओर से उपस्थित वकील ने बताया कि कि याचिकाकर्ता के पिता का शव अभी भी सरकारी शवगृह मेडिकल कॉलेज, जगदलपुर में है। याचिकाकर्ता को शव लेने के लिए नोटिस जारी किया गया था लेकिन याचिकाकर्ता द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। उसके पिता के शव को ग्राम छिंदबहार में अपनी जमीन पर दफनाने की अनुमति दी गई है।