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CG Big Breaking: राकांपा नेता राम अवतार जग्गी हत्याकांड में सभी 28 दोषियों का आजीवन कारावास बरकरार, हाईकोर्ट ने खारिज की अपील

 






बिलासपुर। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष राम अवतार जग्गी हत्याकांड में 27 आरोपियों की आजीवन कारावास की सजा को  हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने जिला न्यायालय के फैसले को सही ठहराते हुए 27 आरोपियों की अपील खारिज कर दी। 


21 साल पहले 4 जून 2003 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता रामावतार जग्गी की रायपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त कांग्रेस से अलग होकर दिग्गज नेता विद्याचरण शुक्ला की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में चले गए थे। दो तत्कालीन सीएसपी और एक थाना प्रभारी समेत कुल 31 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। 31 आरोपियों में बल्टू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। अमित जोगी को छोड़कर बाकी 28 लोगों को सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा दी थी। अमित जोगी बरी हो गए थे।

 मामले को निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई जांच के बाद चालान पर साक्ष्यों के साथ सत्र न्यायालय ने 27 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी थी।  आरोपियों ने सजा निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हत्याकांड में पर्याप्त सबूत के बिना सत्र न्यायालय द्वारा सजा देने की बात आरोपियों के वकीलों ने कही। इसका विरोध करते हुए सीबीआई के वकीलों की ओर से तर्क दिया गया कि हत्या कांड की जांच कर पर्याप्त सबूत के साथ आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट पेश की गई थी। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सभी आरोपियों की अपील खारिज कर दी।


इन दोषियों की अपील हुई खारिज


अभय गोयल, याहया ढेबर, वीके पांडे, फिरोज सिद्दीकी, राकेश चंद्र त्रिवेदी, अवनीश सिंह लल्लन, सूर्यकांत तिवारी, अमरीक सिंह गिल, चिमन सिंह, सुनील गुप्ता, राजू भदोरिया, अनिल पचौरी, रविंद्र सिंह, रवि सिंह, लल्ला भदौरिया, धर्मेंद्र, सत्येंद्र सिंह, शिवेंद्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठौर,संजय सिंह कुशवाहा, राकेश कुमार शर्मा ( मृत), विक्रम शर्मा, जबवंत, विश्वनाथ राजभर। इन सभी की सजा कायम रखी गई है।

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