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कोतवाली के मल्टीलेवल पार्किंग का फायर ऑडिट नहीं,, हादसे का खतरा, दुकान आवंटन पर भी उठे सवाल

 




बिलासपुर। स्मार्ट सिटी बिलासपुर द्वारा कोतवाली परिसर में बनाई जा रही मल्टीलेवल पार्किंग में दुकानों की आवंटन प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने सवाल उठाए। स्मार्ट सिटी की ओर से महाधिवक्ता ने पक्ष रखते हुए कहा कि यह सरकारी कंपनी है और निगम द्वारा कंपनी को अधिकार दिए गए हैं। 

याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया गया कि निगम को जो अधिकार हैं उनके अनुसार भी दुकानों के आवंटन में आरक्षण का पालन करना चाहिए। एससी, एसटी, ओबीसी, महिला, निशक्तजन, शिक्षित बेरोजगार, पूर्व सैनिकों, स्वत्रंतता सेनानी को आरक्षण दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील ने फायर ऑडिट का मुद्दा भी उठाया कि सुरक्षा के लिए यह बहुत जरूरी है। कोर्ट ने इस पर क्या किया जा रहा है, इसकी जानकारी निगम से मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी। उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी बिलासपुर द्वारा कोतवाली परिसर में बनाई जा रही मल्टीलेवल पार्किंग में दुकान निर्माण और नियमों का पालन न करने पर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की खण्डपीठ में प्रकरण की सुनवाई चल रही है। याचिका में दुकानों के निर्माण में भूतल का वेन्टीलेशन बंद करने और अग्नि सुरक्षा के इंतजाम न होने की जानकारी दी गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि जमीन का स्वामित्व भी विवादों में है। कोर्ट में महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने दलील दी कि स्मार्ट सिटी एक एसपीवी कंपनी है, इसलिए आरक्षण नियम लागू नहीं होते। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि स्मार्ट सिटी का स्वामित्व राज्य सरकार और नगर निगम का है। इसलिए वह सरकारी कंपनी है और उस पर निगम के आरक्षण नियम पूरी तरह लागू होते हैं।


वेंटिलेशन न होने पर बड़ा खतरा


स्मार्ट सिटी की योजना के तहत कोतवाली परिसर में 28.74 करोड़ की लागत से मल्टीलेवल कार पार्किंग सह व्यवसायिक परिसर का निर्माण कराया जा रहा है। इसके बेसमेंट में दोपहिया वाहन पार्क होंगे। ग्राउंड फ्लोर पर 46 दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है। वहीं फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड फ्लोर पर कार पार्क की जाएंगी। स्मार्ट सिटी ने 46 दुकानों के विक्रय से 18 करोड़ की आय होने का अनुमान लगाया था। लेकिन पहले दौर में 27 दुकानों से ही स्मार्ट सिटी को 15 करोड़ 16 लाख रुपए मिल रहे हैं। इस राशि से पुलिस क्वार्टर और थाने का जीर्णोद्धार कराने की बात है। महेश दुबे ने आरोप लगाया कि कोतवाली की मल्टीलेवल पार्किंग हड़बड़ी में गड़बड़ी का उदाहरण है। यहां की दुकानों में वेंटिलेशन ही नहीं है, जो खतरनाक है।

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