बिलासपुर। हाईकोर्ट नराजस्व के अविवादित प्रकरणों को 90 दिन के अंदर निराकृत करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अब किसी भी प्रकरण के आवेदन ऑफ़ लाइन नहीं लेने के निर्देश भी कोर्ट ने दिए।
राजस्व विभाग बिलासपुर में चल रही मनमानी को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई में कोर्ट ने पाया कि राजस्व न्यायालय में प्रकरण ऑनलाइन लेना है, किंतु अधिकारी ऑफ लाइन आवेदन लेकर लेन देन करते हैं। मामले की अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने निर्देश जारी किया कि अब कोई भी आवेदन ऑफ़ लाइन नहीं लिया जाए तथा अविवादित प्रकरणों को 90 दिन के अंदर निराकृत किया जाए।
इससे पूर्व बिलासपुर निवासी रोहणी दुबे ने तहसीलदार द्वारा राजस्व संबंधित मामले का निराकरण न करने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने कलेक्टर बिलासपुर से तहसील कार्यालय में लंबित मामलों की जानकारी मांगी थे और इसे ठीक करने का निर्देश दिया था। कोर्ट की फटकार के बाद वर्षों से एक जगह जमे राजस्व निरीक्षक, पटवारियों का तबादला करने के साथ कुछ कर्मचारियों को निलंबित भी किया गया। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डीबी में सुनवाई हुई थी । शासन की ओर से बताया गया कि, बिलासपुर में 497 अविवादित व 197 विवादित मामले नामांतरण के लंबित हैं। कोर्ट ने सभी काम ऑन लाइन होने व 90 दिन में निराकृत करने का आदेश होने के बाद में बड़ी संख्या में मामले लंबित होने पर कहा था कि, अगर यह आंकड़ा सिर्फ बिलासपुर का है तो प्रदेश भर की क्या स्थिति होगी।