बिलासपुर। अरपा को संरक्षित करने के लिए हाईकोर्ट ने शासन को कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। शासन ने इसके लिए एक बार फिर समय की मांग की। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 9 मई को तय की है।
हाईकोर्ट ने अरपा को संरक्षित करने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) सहित विस्तार से जानकारी मांगी है। इसके लिए दो सप्ताह का समय दिया गया था। बुधवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी नदी अरपा जिस पर राज्य गीत भी बनाया गया है, इसके पुनर्जीवन के लिए योजना बनानी आवश्यक है। ज्ञात हो कि इस मामले में निगम की ओर से पहले ही जवाब दिया गया है कि अरपा में रिहायशी क्षेत्रों से पहुंचने वाले गंदे नालों के पानी के उपचार के लिए नदी के दोनों तरफ नाला निर्माण किया जा रहा है। जिससे शहर के सभी नाले नालियों के पानी को चिल्हाटी और दोमुंहानी स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में उपचारित किया जाएगा।
हाईकोर्ट के अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ला और पेंड्रा के रहने वाले राम निवास तिवारी ने जनहित याचिका में अरपा के उद्गम से संगम तक संरक्षण, संवर्धन की मांग की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के निर्देश पर एक समिति बनाई गई है। जो बैठक कर कार्य योजना बनाएगी और कार्ययोजना के हिसाब से उसको पूरा कराएगी। हाईकोर्ट ने शासन से डीपीआर, वर्क आर्डर सहित विस्तार पूर्वक जानकारी मांगी है कि आखिर कितने दिनों में और किस तरह इस पर काम हो सकेगा।