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कोर्ट कमिश्नरों और अतिरिक्त महाधिवक्ता, सॉलिसिटर जनरल को दोबारा निरीक्षण के निर्देश

 





Bilaspur. कोर्ट कमिश्नरों और अतिरिक्त महाधिवक्ता, सॉलिसिटर जनरल को दोबारा निरीक्षण के निर्देश  प्रदेश भर में चल रहे घरोंदा सेंटरों के मामले में आज अवकाशकालीन चीफ जस्टिस की डीबी ने कोर्ट कमिश्नरों को दोबारा मौके पर जाकर जांच करने का निर्देश दिया है । कोर्ट ने राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता और केंद्र के अतिरिक्त सालिसीटर जनरल को भी स्वयं इसे देखने की सलाह दी । अगली सुनवाई शुक्रवार 17 मई को रखी गई है ।

कोपलवाणी एनजीओ ने अधिवक्ता देवर्षि सिंह के माध्यम से जनहित याचिका पेश की है । रायपुर के एक संस्थान में भूख से बच्चों की मौत होने के बाद यह मामला सामने आया था । इसके बाद प्रदेश भर में संचालित हो रहे घरौंदा सेंटरों को लेकर भी इस याचिका में सुनवाई की गई । आज सोमवार को वेकेशन बेंच में हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कोर्ट कमिश्नरों से कहा कि, वह अब फिर जाकर बिलासपुर समेत अन्य जगहों के सेंटरों में देखें कि, बच्चों की स्थिति क्या है , आज जाकर पता करें उन्हें समय पर भोजन दिया जा रहा है या नहीं । उन्होंने अतिरिक्त महाधिवक्ता और अतिरिक्त सालिसीटर जनरल को भी सेंटरों तक जाकर वस्तुस्थिति जानने को कहा , ताकि पता चल सके की सही स्थिति क्या है।

00 मुकदमा सीबीआई जांच कराने लायक है

सुनवाई के दौरान आज यह तथ्य सामने आय कि , बिलासपुर में ऐसे सेंटर का पता कोनी बतया गया था , जबकि यहाँ दो सेंटर रेलवे स्टेशन के पास और राजकिशोर नगर में हैं । कोर्ट कमिश्नर ने अधिकारियों द्वारा शपथ पत्र में गलत पता दिए जाने की कोर्ट को जानकारी दी। इसे कोर्ट ने गम्भीरता से लिया। कोर्ट ने कहा कि आप ने एनजीओ को 53 लाख रु दे दिया। यह मुकदमा तो सीबीआई जांच कराने लायक है आप बोले तो सीबीआई को भेज देते है।

तीन साल में कुल 9 करोड़ खर्च

पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नरों ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी थी । राजधानी रायपुर के कोंपल वाणी मामले में वित्त और समाज कल्याण विभाग के सचिवों के साथ ही मुख्य सचिव ने पूर्व में शपथपत्र पेश कर बताया था कि, शासन ने तीन साल में कुल 9 करोड़ की राशी खर्च की है। इस मामले में हाईकोर्ट ने 11 कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किये है। इन सबको चीफ जस्टिस की डीविजन बेंच ने प्रदेश के तमाम घरोंदा सेंटरों की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था । इन कमिश्नरों में एडवोकेट विवेक श्रीवास्तव, अपूर्व त्रिपाठी, संघर्ष पाण्डेय, सूर्या कंवलकर डांगी, शिवाली दुबे, अदिति सिंघवी , इश्वर जायसवाल आदि के नाम शामिल हैं ।

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