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जब तक खानपान एवं व्यवहार पर ध्यान नहीं देंगे तब तक हृदय शुद्ध नहीं होगा- महाराज संजय कृष्ण "सलिल" जी

 




बिलासपुर.थोक सब्जी मंडी रोड तिफरा स्थित झूलेलाल मंगलम में दिनांक 8 मई से 14 मई 2024 तक प्रतिदिन शाम 4:00 बजे से 7:00 तक वृंदावन से पधारे विख्यात कथा वाचक महाराज श्री संजयकृष्ण "सलिल" के श्रीमुख से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन

पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत, श्री झूलेलाल सेवा समिति झूलेलाल मंगलम, सिंधु चेतना, पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत युवा विंग बिलासपुर एवं 

नारायण सेवा संस्थान के सहायतार्थ किया जा रहा है।

सभी श्रद्धालु भक्तजनों से सविनय आग्रह है कि अधिक से अधिक संख्या में पधार कर श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कर अपने जीवन को सफल बनावे। 

 श्रीमद भागवत कथा के आज द्वितीय दिवस वृंदावन से पधारे पूज्य महाराज श्री डॉक्टर संजय कृष्ण "सलिल"जी के श्रीमुख से महाराज जी ने बताया कि मानव देह चौरासी लाख योनियों के बाद प्राप्त होती है हमें इसे प्राप्त करके प्रभु को प्रत्येक क्षण स्मरण करते रहना चाहिए यह शरीर खाने-पीने के लिए नहीं मिला यह सब क्रिया तो पशुओं में भी होती है परंतु उनमे विवेक नहीं होता, जन्म लेने का लाभ यही है कि अंत में नारायण की स्मृति बनी रहे, यह लाभ जीवन में अभ्यास से होता है हमें मृत्यु को याद करते रहना चाहिए, जब तक हम अपने खान-पान एवं व्यवहार पर ध्यान नहीं देंगे तब तक हृदय शुद्ध नहीं होगा यहां तक की हृदय शुद्ध होता है वहीं पर प्रभु कृपा करते हैं।

 आगे "सलिल"महाराज जी ने बताया राजा परीक्षित को मृत्यु का भय था राजा सब कुछ त्याग करके गंगा तट पर आते हैं बड़े-बड़े ऋषि मुनि आते हैं शुकदेव जी राजा को भागवत सुनते हैं राजा व जीव को प्रभु का ध्यान रखना चाहिए ध्यान धारण अष्टयाम योग क्रिया के द्वारा मन एकाग्र करना चाहिए ।

आज की कथा में प्रमुख रूप से, धनराज आहूजा, हरीश भागवानी, रूपचंद डोडवानी, कमल बजाज, जगदीश संतानी, सुरेश सिदारा,नानक खाटूजा, जवाहर सचदेव, स्वतला, प्रकाश गोस्वामी, तोलाराम जैसवानी, के अलावा भारी संख्या में श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित रहे ।

उक्ताशय की जानकारी रूपचंद डोडवानी के द्वारा दी गई

                 

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