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High Court: बिना कूलर गर्मियों में क्या हाल होगा बच्चों का, कोर्ट ने फिर निरीक्षण के निर्देश दिए

 






बिलासपुर। घरौंदा सेंटरों के मामले में शुक्रवार को वेकेशन कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने महाधिवक्ता को इन सेंटरों की वस्तुस्थिति जांचने को कहा है।

चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान उपस्थित महाधिवक्ता को निर्देशित करते हुए कहा कि इस गर्मी में अगर एक माह तक बच्चे इसी तरह बिना कूलर के रहेंगे तो उनका क्या हाल होगा? आप स्वयं जाकर देखिये कि , शासन क्या कर सकता है? चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने आगामी सोमवार तक शासन की ओर से इस मुद्दे पर पहल की अपेक्षा की है। इससे पूर्व कोर्ट कमिश्नरों को दोबारा मौके  पर जाकर जांच करने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता और केंद्र के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को भी स्वयं इसे  देखने की सलाह दी थी। इस पर बुधवार को कोर्ट कमिश्नर, अतिरिक्त महाधिवक्ता, कलेक्टर और विभागीय अधिकारियों ने डीपुपारा और मोपका के घरौंदा सेंटरों का निरीक्षण किया था। इसमें रहने की व्यवस्था और अन्य सुविधाएं पर्याप्त नहीं पाई गईं थीं।

 कोर्ट कमिश्नर अपूर्व त्रिपाठी के अनुसार इन सेंटरों में न तो गर्मी से बचने का कोई इंतजाम है , न यहां साफ़ सफाई ही रखी जाती है। विदित हो कि घरौंदा सेंटरों के मामले में जनहित याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। रायपुर के एक संस्थान में कुछ मौत होने के बाद यह मामला सामने आया था। इसके बाद प्रदेश भर में संचालित हो रहे घरौंदा सेंटरों  को लेकर भी इस याचिका में सुनवाई की गई। गत  सोमवार को वेकेशन बेंच में हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कोर्ट कमिश्नरों से फिर जाकर बिलासपुर समेत अन्य जगहों के सेंटरों में, बच्चों की स्थिति जाकर पता करने निर्देशित किया था।

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