बिलासपुर। पुराने बस स्टैंड से इमलीपारा तक 88 में से 86 दुकानों को बुधवार को निगम के अमले ने ढहा दिया। सुबह 10 बजे से शुरू हुई कार्रवाई रात तक जारी रही। 6 जेसीबी मशीन के साथ स्मार्ट सिटी और निगम का अमला तोड़फोड़ में जुटा रहा। शुरुआत में व्यापारियों ने विरोध किया। पुलिस बल की उपस्थिति और निगम अधिकारियों की समझाइश के बाद दुकानदारों ने सामान समेटना शुरू कर दिया। निगम ने भी उनकी मदद की और शिफ्टिंग के लिए वाहन भी उपलब्ध कराए।
हाईकोर्ट से मामला निराकृत होने के बाद बुधवार की सुबह से निगम का अमला दलबल के साथ इमलीपारा पहुंचा। इमलीपारा रोड को करीब सौ मीटर पहले बेरिकेड लगाकर ब्लाक किया गया, उसके बाद 6 जेसीबी मशीनों से दुकानों को ढहाने की कार्रवाई शुरू की गई। शुरुआत में दुकान वालों ने हंगामा मचाते हुए विरोध किया। व्यापारी चक्काजाम करने वाले थे, पर पुलिस बल की उपस्थिति देखकर व्यापारी दुकानों से सामान हटाने में जुट गए। निगम कर्मियों ने भी उनकी मदद की और सामान हटाने वाहन उपलब्ध कराए।
पुराना बस स्टैंड व्यापारी संघ के अध्यक्ष अजय तिवारी सहित अन्य व्यापारियों ने कहा कि दुकान हटाने के लिए 15 दिन समय दिया जाना था, जो नहीं दिया गया। व्यापारियों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करने की भी जानकारी देते हुए कहा कि उससे पहले ही निगम ने तोड़फोड़ की कार्रवाई कर दी। अस्थाई दुकान के लिए दी गई जगह का व्यापारी विरोध कर रहे हैं कि वह स्थान शराब दुकान के सामने है और वह जगह भी कांग्रेस भवन के लिए आबंटित है। उक्त जमीन का प्रकरण भी हाईकोर्ट में लंबित है, जिससे वह विवादित है।
निगम ने नई जगह पर बनाए ले आउट पर टेंट भी लगाए हैं। जिन व्यापारियों ने सामान नहीं हटाया, उनकी दुकानों का सामान पंचनामा बनाकर सामुदायिक भवनों में निगम ने रखवाया है। मलबा हटाने के लिए ट्रक भी लगाए गए थे। दुकानदारों को अस्थाई रूप से दुकान लगाने पुराना बस स्टैंड परिसर में जगह दी गई है। इसमें करीब 78 दुकानें पुराना बस स्टैंड परिसर में जहां पहले राज्य परिवहन का बस स्टैंड हुआ करता था, वहां ले-आउट किया गया है। वहीं 4 दुकानों का ले-आउट पुराना टिकट काउंटर के पास और 18 दुकानों का ले-आउट छाया होटल के पीछे शारदा भोजनालय के पास है।