बिलासपुर। राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा ( सेट ) में भूगर्भ शास्त्र (जियोलॉजी) विषय को शामिल नहीं करने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद राज्य शासन द्वारा प्रेषित अनुशंसा पर विवि अनुदान आयोग (यूजीसी )को 30 दिन के भीतर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। शासन ने जियोलॉजी सहित 14 विषयों को सेट परीक्षा में शामिल करने की अनुशंसा की है।
व्यापमं द्वारा जुलाई 2024 में राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा का आयोजन किया जाना है। इसमें 9 जून 2024 तक आवेदन भरकर जमा करना है। विज्ञापन में भूगर्भ शास्त्र का नाम नहीं होने पर आवेदक याचिकाकर्ताओं ने पहले उच्च शिक्षा विभाग और शासन को अभ्यावेदन दिया। इस पर कोई पहल नहीं होने पर लेखनारायण साहू , रविकुमार वर्मा समेत 20 अभ्यर्थियों ने एडवोकेट चंद्रभूषण केशरवानी व आकांक्षा जैन के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की। केंद्र शासन , यूजीसी , मुख्य सचिव छत्तीसगढ़, उच्च शिक्षा सचिव और व्यापमं को पक्षकार बनाया गया। मामले में जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय की एकलपीठ में सुनवाई के दौरान शासन की ओर से बताया गया कि- हमने यूजीसी को 14 और विषयों को शामिल करने के लिये परिपत्र भेजा है। इसमें भूगर्भ शास्त्र भी शामिल है। यूजीसी के वकील ने कहा कि हम इस पर अतिशीघ्र निर्णय ले रहे हैं। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने कहा कि, इस मामले में जल्द से जल्द निर्णय लेने की जरूरत है। यह अभ्यर्थियों के भविष्य का सवाल है। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने इस याचिका को निराकृत करते हुए यूजीसी को निर्देशित किया है कि, कोर्ट का यह निर्णय प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर राज्य शासन द्वारा 14 विषयों को शामिल करने की गई अनुशंसा पर निर्णय लें।