छत्तीसगढ़ संस्कृत बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में गजब का कारनामा सामने आया है। बोर्ड ने जिस छात्रा को 10वीं की मेरिट सूची में तीसरे नंबर का टाॅपर बनाया, वो परीक्षा में बैठी नहीं। इसका खुलासा होते ही अधिकारियों ने चुप्पी साध ली। बोर्ड के जिम्मेदारों ने अपने आप को बचाने के लिए मोबाइल फोन को बंद कर दिया है।
जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ही संस्कृत बोर्ड ने 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी किया था। इनमें 10वीं में तीसरे नंबर टापर मोहनमती 44 वर्षीय का नाम है। जबकि मोहनमती को खरसिया स्थित दीपांशु संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय औरदा (रायगढ़) से पढ़ाई की बताई गई।
मोहनमती का रिजल्ट 83.71 बताया गया है। जबकि यह परीक्षा में बैठी ही नहीं। इधर, संबंधित स्कूल से मिली जानकारी के अनुसार मोहनमती ने 2023 में नवमीं की परीक्षा दी थी और 2024 में दसवीं की परीक्षा में बैठी है। उसकी उम्र अधिक थी, इसलिए उसे स्वाध्यायी छात्र के रूप में परीक्षा में शामिल किया गया।
रोल नंबर किसी और का, नाम मोहनमती
जांच में ये भी पता चला कि जिस रोल नंबर के आगे मोहनमती का नाम और पूरा परिचय है, वह रोल नंबर किसी और को जारी हुआ था. जानकारी के अनुसार, यह मनीषा गर्ग के नाम से है. हालांकि अब तक मनीषा गर्ग नाम की कोई स्टूडेंट सामने नहीं आई है.
एक ही छात्र की सभी विषयों की उत्तरपुस्तिकाओं में अलग-अलग हैंडराइटिंग है। अर्थात इन छात्रों की सभी विषयों की उत्तरपुस्तिकाएंँ अलग-अलग व्यक्ति्यों द्वारा हल की गई है। अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, टॉप-10 की सूची में जगह बनाने वाले छात्रों में से गिनती के 1-2 छात्रों को छोड़कर शेष सभी टॉपर्स की उत्तरपुस्तिकाएं एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा हल की गई है।
सूत्र ने कहा, बड़े स्तर पर धांधली
मनीषा के अलावा एक और छात्र की उत्तरपुस्तिका हाथ
लगी है। यह अनुक्रमांक 24102632 की है। मेरिट लिस्ट के अनुसार, यह उत्तरपुस्तिका सरस्वती संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, दारीमुड़ा के छात्र संतोष की है जिसे दसवीं कक्षा की मेरिट लिस्ट में नौवा स्थान हासिल हुआ है। इस रोल नंबर की भी सभी उत्तरपुस्तिकाओं में अलग-अलग हस्ताक्षर हैं। सूत्रों ने हरिभूमि को बताया कि बड़ स्तर पर धांधली हुई है। सिर्फ एक-दो टॉपर नहीं, बल्कि आधे से अधिक टॉपर्स की उत्तरपुस्तिकाओं में गड़बड़ी है। यदि पूरे मामले की जांच की जाए, तो कई धांधली की कई परतें खुलेंगी।
प्रदेशभर में चला पास-पास का खेल
खबर यह है कि केवल टॉपर्स ही नहीं, बाकी छात्रो को उतीर्ण करने के लिए यूपी की तर्ज पर पास फेल का खेल खेला गया ठाया है। जो लोग सामान्य तरीक से माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए उनमें से बहुतों ने संस्कृत बोर्ड से परीक्षा दी है। कई परीक्षा केंद्रं पर अलग अलग विषयों के प्रश्नपत्र अलग अलग लोगों से हल कराए ठए हैं। विस्तार से जांच होने पर इस मामले में बड़ा खुलासा संभव है।
टॉपर और प्राचार्य अब भी लापता
खबर छपने के बाद भी तथाकथित टॉपर मोहनमती और संबंधित विद्यालय के प्राचार्य दिनेश खुंटे सामने नहीं आए हैं । उनके द्वारा अब तक मामले में अपना पक्ष नहीं रखा गया है। मोहनमती के परिवार के भी किसी सदस्य ने अब तक वास्तविक घटनाक्रम से अवगत नहीं कराया है। मोहनमती का फोन लगातार बंद आ रहा है ।
कैसे हुआ खुलासा
दरअसल, बुधवार को राजधानी रायपुर स्थित संस्कृत विद्या मंडलम द्वारा संस्कृत के विद्यार्थियों की कक्षा 9वीं से 12वीं का रिजल्ट घोषित किया गया। रिजल्ट घोषित होने के बाद 10वीं और 12वीं के मेरिट में जगह बनाने वाले परीक्षार्थियों से बातचीत के लिए संपर्क किया गया लेकिन इस दौरान बड़ा खुलासा देखने को मिला। 10वीं टॉपर्स की लिस्ट में तीसरे नंबर पर शामिल मोहनमति को जब संपर्क किया गया तो अपनी तस्वीर देने और बातचीत के लिए मना करते हुए फोन काट दिया गया। इस हरकत संस्कृत विद्या मंडलम द्वारा जारी मेरिट लिस्ट और परीक्षा पर गड़बड़झाला का अंदेशा हुआ।