बिलासपुर। तीन जिलों में 5 माह बाद भी करीब 200 करोड़ रुपए के 6 लाख क्विंटल धान का उठाव नहीं हाे सका है। खुले आसमान के नीचे रहने के कारण धान सूख रहा है, बारिश होने पर यह भीगकर अंकुरित होने लगेगा, जिसका खामियाजा समितियों को उठाना पड़ेगा। मुंगेली जिले के ऐसे ही एक मामले में हाईकोर्ट ने कलेक्टर को 45 दिन में इस पर फैसला करने के निर्देश दिए हैं।
सहकारी समिति के असिस्टेंट रजिस्ट्रार ने मुंगेली जिले के सरोठा धान संग्रहण केन्द्र प्रभारी राजेश कुमार चंद्राकर को 1041 क्विंटल चावल में कमी और पैजनिया धान संग्रहण केन्द्र प्रभारी श्रवण कश्यप को 450 क्विंटल चावल की कमी बताकर नोटिस जारी किया था। इसका जवाब नहीं देने पर एफआईआर की चेतावनी दी गई थी। दोनों केन्द्र प्रभारियों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की और कहा कि उठाव में देरी के कारण समितियों में धान सूख रहा है। कई बार अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया गया लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। तेज धूप के कारण सूखत से खरीदी केंद्र प्रभारियों को भरपाई करनी पड़ रही है। जस्टिस राकेश मोहन पांडे ने इस बारे में कलेक्टर को 45 दिन में फैसला लेने कहा है। साथ ही किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर तब तक रोक लगा दी है। दोनों केन्द्र प्रभारियों को 7 दिन के भीतर कलेक्टर के समक्ष इस बारे में आवेदन करना होगा।
बिलासपुर जिले में तीन लाख, मुंगेली में और जीपीएम जिले में करीब डेढ़- डेढ़ लाख क्विंटल धान का उठाव नहीं हो सका है। मुंगेली में तो दो समितियों में 1600 क्विंटल धान की कमी बताकर प्रशासन ने समिति प्रबंधकों को नोटिस जारी करते हुए एफआईआर की चेतावनी दी थी। इस साल बिलासपुर में 71 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई थी, जिसमें से 68 क्विंटल ही केन्द्रों से उठ सका है और 3 लाख क्विंटल धान केन्द्रों में पड़ा है।
तेज धूप के कारण सूखत से खरीदी केंद्र प्रभारियों को भरपाई करनी पड़ रही है। इससे चिंतित 100 से अधिक केन्द्र प्रभारियों ने भी हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है। सीपत, बेलगहना, नरगोड़ा में तो धान अधिक खराब हो गया है। ग्राम पंचायत धनिया और खम्हारिया से उठाव नहीं हो पा रहा है। खरीदी केंद्र सोंठी, कुकदा और निरतु में चबूतरे और शेड नहीं है।