Bilaspur. सिविल जज भर्ती को लेकर याचिका की सुनवाई के बाद जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने हाईकोर्ट प्रशासन को शपथपत्र देने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह बताने कहा हैं कि क्या याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति के लिए 3 पद बढ़ाए जा सकते हैं।
पीएससी ने वर्ष 2021 में सिविल जजों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा ली थी। परीक्षा का रिजल्ट आया तो कुछ अभ्यर्थियों के नम्बर एक समान थे। लिस्ट जारी हुई तो इसे नियम विरुद्ध बताते हुए साक्षी शर्मा व अन्य ने वकील अमन सक्सेना के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में बताया गया कि हाईकोर्ट ने सिविल जज भर्ती के जो नियम बनाए हैं, उसके अनुसार अगर अभ्यर्थियों के नम्बर समान हों तो, जिन आवेदकों की उम्र ज्यादा है, उनको मेरिट लिस्ट में पहले शामिल किया जाएगा। लेकिन इस मामले में इस नियम और मापदण्डों का पालन नहीं किया गया।
प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने 2021 में जिनके चयन पर सवाल उठाया गया था, उनकी नियुक्ति पर स्टे कर दिया था। मामले में पिछले सप्ताह सुनवाई के दौरान
कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ताओं ने नियमों का हवाला देते हुए और नियुक्ति प्रक्रिया रुकने से अभ्यर्थियों की बढ़ती उम्र और नुकसान की जानकारी देते हुए नियमों के अनुसार चयन सूची में शामिल करने की मांग अपने वकील के माध्यम से की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन को शपथपत्र देकर यह बताने के निर्देश दिए कि क्या याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है, और क्या इसके लिए 3 पद बढ़ाए जा सकते हैं? कोर्ट ने यह निर्देश भी दिए कि अगर ऐसी कोई नियुक्ति याचिकाकर्ताओं की होती है तो उनको पूर्व तिथि से नियुक्ति और वरिष्ठता का लाभ नहीं दिया जाएगा। प्रकरण की अगली सुनवाई 11 जुलाई को रखी गई है।