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होश उड़ा देने वाला कारनामा, TNC का कमाल .... जानें किस आधार पर हो गया निर्माणाधीन इमारतों का नियमितीकरण

 




बिलासपुर. बिलासपुर ज्ञात हो कि टाउन एन्ड कंट्री विभाग को नियमिति करण का जो नियम है उसी के आधार पर नगर में बनी हर व्यसायिक अथवा घरेलू उपयोग में इस्तेमाल होने वाली हर उस इमारत का नियमितिकरण का सरकार का आदेश पारित हुआ जिसमें हर वर्ष एक सत्र के आधार पर उन सभी इमारतों का नियमितीकरण एक्ट को लागू किया गया और इसमें एक उस सत्र में नियम भी निर्धारित होता है कि उस अवधि से पहले किसी भी भवन अथवा इमारत की पूर्णता होनी आवश्यक होनी चाहिए यहाँ एक बेहद ही अचंभित करने वाला मामला प्रकाश में आया जिसके आधार पर हमे ग्राउण्ड रिपोर्ट में एक विचित्र किस्सा मिला नियमितीकरण के 14 जुलाई 2022 से लेकर 12 अगस्त 2023 के दरमियान में एक ऐसी चारमंजिला इमारत का




नियमितिकरण टी.एन. सी. विभाग द्वारा कर दिया गया जो कि वर्तमान परिस्तिथियों में आज दिनांक तक निर्माणाधीन है और तो और तथाकथिक इमारत में अभी भी निर्माण कार्य चल रहा है, जबकि नियमानुसार उस सत्र में जो इमारत 14 जुलाई 2022 से पहले पूर्ण रूप से निर्मित हो गई है सिर्फ उसी का नियमितीकरण होना था लेकिन टी.एन. सी. विभाग ने उसका भी नियमितिकरण कर दिया जो अभी तक निर्माणाधीन है।




यहाँ ये भी बताते चले कि 14 जुलाई 2022 से 12 अगस्त के सत्र में नियमितीकरण के विभाग के पास 10,000 {दस हजार} आवेदन आये और उनमें से लगभग 4800 के निराकरण किये गए उन निराकरण मामले में हाल फिलाल एक मामला अजीबो- गरीब सामने आया है जिसकी चर्चा हम कर रहे है बाकी के निराकृत मामले की भी विस्तृत जानकारी हम आपको अगले एपीसोड में देंगे और इसमें एक नियम ये भी है कि 1200 स्क्वायर फिट में यदि आप अपनी भूमि में किसी घरेलू उपयोग में ले रहे है तो उसे बिना किसी शुल्क के उसका




नियमितीकरण करने का प्रावधान है परंतु इस विभाग ने उन लोगो को भी नही छोड़ा जो कि शुल्क वाले दायरे में आते है उन घरेलू उपयोग व जैसा कि नियम है 1200 स्क्वायर के भीतर उन लोगो से भी कुछ नुक्स निकाल कर उनसे भी प्रसादी ग्रहण करने के बाद ही उनके घरों का नियमितीकरण किया खैर ये बात अलग है कि बिना प्रसाद के कही भी काम नही होता परंतु कुछ ऐसे गम्भीर मामले प्रकाश में आने पर मामला बात बेहद गम्भीर हो जाता है और इस पर चर्चा होनी भी बेहद लाजमी बन जाती है, क्योकि विषय ही ऐसा है। हालांकि किसी भी नियमितिकरण की प्रक्रिया कलेक्टर की अध्यक्षता में होती है पर यहाँ तो कलेक्टर को ही गुमराह कर ये नियमितीकरण किया गया। नगर निगम कमिश्नर औऱ टी.एन. सी. विभाग की संयुक्त समिति की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होती है जिसमे कलेक्टर की अध्यक्षता में सारे निराकरण होते है,जिसमे उक्त इमारत के पिछले तथा मौजदा बिजली बिल की कॉपी के साथ ही प्रॉपर्टी टैक्स की कॉपी की भी अनिवार्यता होती है ताकि ये निर्धारित किया जा सके कि उक्त इमारत का उपयोग आप किस उद्देश्य से कर रहे है।







परंतु एक ऐसी इमारत का नियमितिकरण कर दिया गया जो कि अभी बनी ही नही ये कैसा खेल…? और ये कारनामा कर दिखाया है

टी.एन. सी. विभाग ने होटल रेड डायमंड के बगल में चार मंजिला इमारत का आखिर किस आधार पर क्यो सारे नियमों को ताक पर रख नियमितीकरण कर दिया गया। जिसकी तथ्यात्मक जानकारी आर. टी. आई. के माध्यम से मिली और जिसमे ये असंवेधानिक








नियमितीकरण का ये खेल कलेक्टर को गुमराह करके किया गया। यह बहुत रोचक किस्सा है इसमें कौन-कौन शामिल है किसके आदेश पर यह ऐसी सुविधा प्राप्त उन बड़े-बड़े बिल्डिंगों को दी जा रही है। इन सारी चीजों के बारे में सिलसिलेवार हम परत दर परत पर्दाफ़ाश करते रहेंगे अभी ये पहला एपिसोड है। आगे और भी इससे जुड़े और कई अन्य कारनामे शामिल है जिसका खुलासा अभी बाकी है…

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