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500 करोड़ की योजना ! इस सेक्टर को सरकार ने दी बड़ी राहत , जानें किसे और कैसे पहुंचेगा फाएदा

 





Bilaspur.भारत में वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन पर तेजी से जोर दिया जा रहा है और इसी के साथ लोगों को ईवी की तरफ आकर्षित करने की कोशिशें भी तेज हो गई हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये की नई योजना आज सोमवार एक अप्रैल 2024 से लागू हो गई और और यह जुलाई के अंत तक जारी रहेगी। इस बीच FAME II कार्यक्रम का दूसरा चरण 31 मार्च 2024 को समाप्त हो गया। फेम योजना के तहत सब्सिडी को 31 मार्च तक या धन उपलब्ध होने तक बेचे जाने वाले ई-वाहनों के लिए उपलब्ध होने की बात पूर्व में की गई थी।





भारत में वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन पर तेजी से जोर दिया जा रहा है और इसी के साथ लोगों को ईवी की तरफ आकर्षित करने की कोशिशें भी तेज हो गई हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये की नई योजना आज सोमवार एक अप्रैल 2024 से लागू हो गई और और यह जुलाई के अंत तक जारी रहेगी। इस बीच FAME II कार्यक्रम का दूसरा चरण 31 मार्च 2024 को समाप्त हो गया। फेम योजना के तहत सब्सिडी को 31 मार्च तक या धन उपलब्ध होने तक बेचे जाने वाले ई-वाहनों के लिए उपलब्ध होने की बात पूर्व में की गई थी।







यहां बता दें कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में और तेजी लाने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय ने 500 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 (EMPS 2024) शुरू की है। ईएमपीएस 2024 के तहत प्रति दोपहिया वाहन पर 10,000 रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी। इसका उद्देश्य लगभग 3.33 लाख दोपहिया वाहनों के लिए सहायता प्रदान करना है। छोटे तिपहिया वाहनों (ई-रिक्शा और ई-कार्ट) की खरीद पर 25,000 रुपये तक की सहायता दी जाएगी। योजना के तहत 41,000 से ज्यादा ऐसे वाहनों को प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। बड़े तिपहिया वाहन के मामले में वित्तीय सहायता 50,000 रुपये तक होगी।






इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए नई पॉलिसी

भारत में आकर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने की इच्छा रखने वाली ऑटो कंपनियों के लिए सरकार ने नई EV पॉलिसी में कुछ नियम और शर्तें तय की हैं और कुछ शर्तों में रियायत भी दी है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, ऑटो कंपनियों को भारत में कम से कम 4,150 करोड़ रुपए निवेश करना होगा, मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट की कोई लिमिट नहीं रखी गई है।







ऑटो कंपनियों को 3 साल के भीतर प्‍लांट लगाकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रोडक्शन शुरू करना होगा। साथ ही 5 साल के अंदर डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन (DVA) को 50% तक पहुंचाना होगा, यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने में लोकल सोर्सिंग को बढ़ाना होगा। ऑटो कंपनियों को तीसरे साल में लोकल सोर्सिंग को 25% और 5 साल में 50% करना होगा।




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