बिलासपुर. सिम्स अस्पताल की सेवाओं में तेजी से सुधार आया है। पिछले लगभग तीन माह में सिम्स में काफी काम हुए हैं। अंदर बाहर सभी तरफ बदलाव महसूस किया जा रहा है। अस्पताल की साफ सफाई और सुंदरीकरण पर भी खास ध्यान दिया गया है। डीएमएफ मद से बुनियादी जरूरतें तत्काल स्वीकृति देकर पूर्ण की जा रहीं हैं। अस्पताल अधीक्षक डॉ. एस के नायक ने पिछले तीन महीनों में हुए काम और सुविधाओं के विकास के बारे में बताया है।
कोनी में तेजी से आकार ले रहा मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल
कोनी में सिम्स का मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल तेजी से आकार ले रहा है। पीएमएसएसवाई योजना के अंतर्गत भारत सरकार एवं राज्य शासन द्वारा 200 करोड़ रुपए की यह महत्त्वाकांक्षी परियोजना है। अस्पताल में इसी वर्ष अपनी सेवाएं शुरू करने की योजना है। अस्पताल का सिविल और इलेक्ट्रिकल कार्य पूरा होने वाला है। 105 बिभिन्न उपकरण की आपूर्ति हेतु हाइट्स के द्वारा 56 उपकरण प्राप्तहो चुके हैं जिनमें से 23 की स्थापना भी हो गई है एवं शेष स्थापित किये जा रहे हैं। सेवाएं शुरू करने के लिए कर्मचारियों की भर्ती शुरू हो चुकी है। अस्पताल में कार्डियोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, नेप्रोलॉजी और यूरोलॉजी जैसे छह सुपरस्पेशलिटी विभाग नियोजित हैं। यूरोलॉजी न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी और एनेस्थीसिया विभागों में 4 विशेषज्ञ डॉक्टर नियुक्त किये जा चुके हैं। डायग्मोस्टिक सेवा विभागों में 10 रैजिडेंट्स डॉक्टर नियुक्त किए गए हैं।
फिलहाल सिम्स में सेवा दे रहे मल्टी स्पेशलिटी विशेषज्ञ डॉक्टर
चूंकि अस्पताल भवन का हस्तांतरण फिलहाल नहीं हो पाया है, इसलिए सिम्स अस्पताल में इन विशेषज्ञों एवं रेसिडेंट्स की सेवाएं ली जा रही हैं। सिम्स् को विशेषज्ञों एवं रेसिडेंट्स की नियुक्ति के लिए डीएमएफ के माध्मम से कलेक्टर, बिलासपुर से बहुत आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है जिसके कारण यह संभव हो पाया है। न्यूरोलॉजी ओपीडी सेवाएं और यूरोलॉजी ओपीडी सेवाएं प्रति सप्ताह दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को शुरू हो गई हैं। न्यूरॉसर्जरी ओपीडी सेवाएं सप्ताह में 2 दिन बुधवार और शनिवार को शुरू हो गई हैं। पिछले दो सप्ताह में न्यूरोसर्जरी में 49 मरीज, न्यूरोलॉजी में 95 मरीज ने ओपीडी सेवाओं का लाभ उठाया है। यूरोलॉजी विभाग में पिछले 4 महीने में बाह्य रोगी विभाग में 639 मरीज एवं 112 शल्य चिकित्सा का लाभ मरीजों को मिला है। मल्टी सुपरस्पेशलटी के अस्पताल भवन के हस्तांतरण होते ही सभी सेवाएं नवीन भवन में स्थानांतरण कर लिया जावेगा।
ओपीडी पंजीयन के लिए शुरू हुई स्कैन क्यू आर कोड सुविधा
चिकित्सा के क्षेत्र में सिम्स ने एक नया कदम उठाते हुए ओपीडी पंजीकरण के लिए क्यूआर कोड स्कैनिंग सिस्टम की शुरुआत की है। यह प्रणाली उन मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है जो सिम्स में इलाज के लिए आते हैं।
इस नए क्यूआर कोड स्कैनिंग सिस्टम के तहत मरीजों को अब पंजीकरण के लिए लंबी कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी। वे अपने घर से भी इस सेवा का उपयोग कर सकते हैं और अपना कीमती समय बचा सकते हैं। यह प्रक्रिया बेहद सरल है, बस क्यूआर कोड स्कैन करें और दिए गए निर्देशों का पालन करें। इस प्रणाली के माध्यम से मरीजों को आने वाले समय में उनके चिकित्सा रिकॉर्ड भी प्राप्त हो सकते हैं। सिम्स अधीक्षक ने बताया कि यह प्रणाली मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विकसित की गई है, जिससे उन्हें पंजीकरण के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इस नए कदम से सिम्स ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि वे अपने मरीजों की सुविधाओं के प्रति कितना सजग हैं। फिलहाल प्रति दिन 150 से 250 लोग इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।
तीन सप्ताह बाद एमआरआई व सिटी स्कैन सुविधा बहाल
सिम्स में सीटी स्कैन एवं एमआरआई उपकरण पिछले 3 सप्ताह से मेंटेनेंस के लिए बंद किया गया था। सम्बंधित कंपनी को इसके लिए बुलाया गया। मेंटेनेंस स्टाफ द्वारा बताया गया कि एयर कंडीशनिंग की समस्या हेतु मशीन काम नही कर पा रहा था। साथ ही पावर सप्लाई में ज्यादा वोल्टेज के कारण एयर कंडीशनिंग की उपकरण कार्य नहीं कर पा रहे थे। लोक निर्माण विभाग के ई एंड एम शाखा और सीएसईबी द्वारा पावर सप्लाई का सुधार के उपरांत समस्त एयर कंडीशनर्स को आज क्रियाशील कर लिया गया है। कल से सीटी स्कैन एवं एमआरआई उपकरण क्रियाशील होंगे एवं " इसका लाभ मरीजों को पुन: मिल सकेगा।