लखनऊ. उत्तर प्रदेश के आए परिणाम की बीजेपी लगातार समीक्षा कर रही है. यूपी में बीजेपी खराब प्रदर्शन की वजह तलाश करने में जुटी है. जिसके लिए स्पेशल 40 टीम का गठन किया है. जो प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर जाकर 26 बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक, हार की वजह तलाश रही स्पेशल टीम 24 जून तक बीजेपी नेतृत्व को फाइनल रिपोर्ट देंगी. अब बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व को स्पेशल टीम की रिपोर्ट का इंतजार है. बताया जा रहा है कि बीजेपी की स्पेशल 40 टीम 26 बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कर रही है.
दरअसल, यूपी की 80 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य लेकर उतरी बीजेपी महज 33 सीटों पर ही सिमट गई. हार के बाद अब कई बीजेपी प्रत्याशियों के बयान आने शुरु हो गए हैं. जिससे स्थानीय नेताओं पर हार का ठिकरा फोड़ना शुरु कर दिया है. ऐसे में अब बीजेपी स्पेशल 40 टीम की रिपोर्ट आने के बाद बड़ी सर्जरी के मूड में दिख रही है.
बीजेपी इन सवालों पर तैयार कर रही रिपोर्ट
- ज़मीन पर पार्टी कार्यकर्ता कितने सक्रिय थे?
- क्या सरकार के फैसलों का जनता पर असर था?
- राज्य सरकार के अफसरों के कामकाज से जनता में कितनी संतुष्टि रही?
- रणनीति की विफलताएँ क्या थीं?
- उम्मीदवार जनता से कितने जुड़े हुए थे और उन्होंने कितने गांवों में प्रचार किया?
- पार्टी नेताओं का अपनी जाति और समुदाय के लोगों के बीच क्या आना-जाना था?
- 2022 के विधानसभा चुनाव की तुलना में विभिन्न समुदायों के मतदाता पार्टी से दूर क्यों हो गए?
- हिंदू मतदाता जातिगत आधार पर क्यों बंट गए?
- प्रचार सामग्री का उपयोग कितने प्रभावी ढंग से किया गया?
- वाहन आदि कौन से संसाधन उपलब्ध थे?
- संगठन और प्रत्याशियों के बीच तालमेल और टीम वर्क कैसा रहा?
- नेताओं की यात्राओं का विभिन्न समुदायों पर, यदि कोई हो, क्या प्रभाव पड़ा?
- बूथ प्रबंधन कैसा था?
- विधानसभा क्षेत्रों में वोट शेयर में क्या गिरावट आई और विपक्ष को कैसे फायदा हुआ?
- विपक्षी दलों ने बीजेपी के खिलाफ क्या कहानी गढ़ी?
- ज़मीन पर विपक्षी उम्मीदवारों का आंदोलन क्या था और उन्होंने अपने अभियान में किन संसाधनों (जैसे धन) का उपयोग किया?
- संविधान और आरक्षण के मुद्दों का अभियान पर क्या प्रभाव पड़ा?
- महिला मतदाताओं की स्थिति?
- घर-घर संपर्क कैसे किया गया और उसके परिणाम?
- 18 से 20 वर्ष आयु वर्ग का फ्लोटिंग वोट भाजपा से क्यों खिसक गया?
- मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं में उम्मीदवारों के प्रति उदासीनता?
- प्रशासनिक कर्मचारियों की ओर से कमियाँ, उदाहरण के लिए – बूथ स्तर के अधिकारी?
- चुनाव के दौरान जिला से लेकर बूथ स्तर तक समन्वय किसका था?
- प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में समग्र व्यवस्था में क्या गलत और क्या अच्छा था?
- भविष्य में बेहतर प्रदर्शन के लिए पार्टी से सुझाव एवं अपेक्षाएं?