रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों का घोटाला करने वाले 30 से अधिक अस्पतालों पर जुर्माना लगाया गया है लेकिन अन्य कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इन हॉस्पिटल पर स्वास्थ्य विभाग आखिरकार मेहरबान क्यों है? इसपर समाजसेवी कुणाल शुक्ला ने सवाल उठाए हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने कहा कि पुलिस में एफआईआर क्यों दर्ज नहीं कराई जा रही है? मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले रसूखदारों पर एफआईआर नहीं करवाने के लिए किसका दबाव है? क्या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से पुलिस कार्रवाई से बचा जा रहा है?
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि मरीजों और सरकार के साथ फर्जीवाड़ा करने वाले 30 से अधिक रसूखदार अस्पतालों के संचालकों पर जुर्म दर्ज कर उनकी तत्काल गिरफ्तारी की जाए. यदि जुर्म दर्ज नहीं किया जाता है तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा. साथ ही कोर्ट का शरण में जाने को मजबूर हो जाएंगे.