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छत्तीसगढ़ में बिजली दरों में बढ़ोतरी : अब होगा ऑडिट,800 करोड़ का बिजली बिल बकाया, डिप्टी सीएम अरुण साव ने दिए निर्देश

 




रायपुर. छत्तीसगढ़ में बिजली बिल महंगी होने के बाद डिप्टी सीएम ने सभी 184 नगरीय निकायों में प्रोफेशनल एजेंसीज बिजली बिल और एनर्जी का चरणबद्ध तरीके से ऑडिट करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने जल्द से जल्द पारंपरिक ऊर्जा के स्थान पर सौर ऊर्जा का उपयोग करने को कहा है. डिप्टी सीएम साव ने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि अधिकांश निकायों में इस मद में राशि के अभाव के कारण समय पर बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया जाता है. इससे नगरीय निकायों और विभाग को हर वर्ष अनावश्यक ही सरचार्ज व एरियर्स की राशि के रूप में बिजली विभाग को अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ता है. 



ग्रीन एनर्जी को मिलेगा बढ़ावा


डिप्टी सीएम ने बताया कि ऊर्जा और बिजली बिल के ऑडिट से इनकी बचत के उपाय करने में सहूलियत होगी. साव ने बिजली बचाने और इसके खर्च में कमी लाने के लिए नगरीय निकायों में पारंपरिक ऊर्जा के बदले ग्रीन एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा देने को कहा है. इससे निकायों का खर्च घटने के साथ ही पर्यावरण भी सुधरेगा.


करीब 800 करोड़ रुपए का भुगतान लंबित


शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति और स्ट्रीट लाइटिंग जैसी विभिन्न जन सुविधाओं के संचालन के लिए नगरीय निकायों मे बड़ी संख्या में विद्युत कनेक्शन लिए गए हैं. विद्युत विभाग द्वारा प्रदेश के सभी 184 नगरीय निकायों में इसके लिए हजारों की संख्या में बिजली के मीटर लगाए गए हैं. इन मीटरों के माध्यम से हर महीने मीटर रीडिंग कर बिजली विभाग द्वारा बिजली का बिल निकायों को प्रेषित किया जाता है. निकायों द्वारा प्रति माह एक बड़ी राशि विद्युत देयकों के रूप में व्यय की जाती है. कई बार सरचार्ज और एरियर्स के रूप में भी बिजली विभाग को अतिरिक्त राशि का भुगतान निकायों और नगरीय प्रशासन विभाग को करना पड़ता है. विभाग द्वारा नगरीय निकायों में बिजली बिल के समायोजन के लिए बिजली विभाग को हर साल लगभग 100 करोड़ रुपए से 200 करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित की जाती है. वर्तमान में करीब 800 करोड़ रुपए का भुगतान लंबित होने के कारण सरचार्ज की राशि में लगातार वृद्धि हो रही है

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