बिलासपुर। नल जल योजना के तहत राजनांदगांव के 24 गांव में नल से पीने का पानी नहीं मिलने के खिलाफ दायर याचिका में शासन की ओर से सभी घरों में नल से सुबह शाम पानी दिए जाने का दावा किये जाने पर कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने दुर्ग कलेक्टर को जांच के दौरान कोर्ट कमिश्नर को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है।
राजनांदगांव जिला मुख्यालय से लगे 24 गांव में नल जल योजना के तहत एनिकट निर्माण कराया गया। इसके बाद में गांव वालों को पीने का पानी नहीं मिलने पर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई। हाई कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। मामले में मंगलवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डीबी में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान शासन की ओर से कहा गया कि सभी गांव में पाइप लाइन से सुबह व शाम पीने का पानी दिया जा रहा है। ग्रामीण लिख कर दिए है। इसका पंचनामा भी पेश किया गया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा जो एनिकट का फोटो दिया गया है वह वहाँ का नहीं है। इसी प्रकार कुछ लोगों से लिखवाया गया है। इस पर कोर्ट ने शासन से कहा हम इसकी जांच करा लेते है। इसके साथ कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर शासन के जवाब का जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी।