New Delhi. खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक बिहार सरकार में जिस फार्मूले पर मंत्रिपरिषद का गठन हुआ है, केंद्र में भी उसी तर्ज पर मंत्री बनाए जाएंगे. यानी बिहार बीजेपी के जितने सांसद मंत्री बनेंगे, उतने ही जदयू के सांसद भी मंत्री बनेंगे. जेडीयू और बीजेपी अलग-अलग जातीय समीकरण के हिसाब से मंत्री पद के लिए अपने सांसदों का चयन करेंगे. उदाहरण के तौर पर यदि बीजेपी कोटे से यादव जाति का कोई सांसद मंत्री बनाया जाएगा तो जेडीयू का कोई यादव सांसद मंत्री नहीं बनेगा. एलजेपी और हम को 1-1 मंत्री पद मिलेगा.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूर ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर भी एनडीए की बैठक में शामिल थे. हरिवंश जेडीयू के चार राज्यसभा सांसदों में से एक हैं और चूंकि वह राज्यसभा के उपसभापति हैं इसलिए वह मंत्री पद की दावेदारी में नहीं हैं. जदयू के जिन सांसदों को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है, उनमें राजीव रंजन 'ललन' सिंह और कौशलेंद्र कुमार शामिल हैं. बता दें कि ललन सिंह मुंगेर से जीते हैं, जबकि कौशलेंद्र कुमार बिहार के सीएम नीतीश के गृह जिले नालंदा से जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के मुखिया और बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी गया से चुनकर लोकसभा में पहुंचे हैं और उन्हें भी मोदी सरकार में जगह मिल सकती है.