नई दिल्ली. तीसरे कार्यकाल की शुरुआत हो चुकी है और सभी मंत्री अभी से ही एक्शन मोड में आ चुके हैं। मोदी कैबिनेट में इस बार कई नए चेहरों को जगह मिली है, तो वहीं कई पुराने मंत्रियों की छुट्टी भी हुई है।
इस बीच तीन बार के मंत्री रहे भाजपा के एक सांसद को इस बार भी मंत्री पद का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। इस बात का खुलासा उन्होंने खुद किया और इसकी वजह भी बताई।
मध्य प्रदेश की मंडला लोकसभा सीट से सात बार जीत चुके भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने इस बार मंत्री पद को ठुकरा दिया। उन्होंने चौथी बार जूनियर मंत्री बनने से साफ इनकार कर दिया है। कुलस्ते ने कहा,
दरअसल, 65 वर्षीय सांसद फग्गन कुलस्ते एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट से बाहर रखे जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। वह मंडला के निवास इलाके में मतदाताओं का आभार जताने गए थे।
कुलस्ते पिछली सरकार में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री थे। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के पहले कार्यकाल में वह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री थे। कुलस्ते ने 1999 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए जनजातीय और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में काम किया था। उन्होंने पिछले साल निवास से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे।
कुलस्ते का नाम एक बार कथित ‘कैश-फॉर-वोट’ घोटाले से जुड़ा था, जिसमें कुलस्ते सहित तीन सांसदों ने जुलाई 2008 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह की सरकार पर विश्वास मत पर बहस के दौरान लोकसभा में करेंसी नोट लहराए थे।